कल्याण/उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) ने पर्यावरण की सुरक्षा और शहर को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से पॉलीथिन थैलियों के खिलाफ कड़ा अभियान शुरू कर दिया है। प्रशासक और आयुक्त डॉ. इंदुराणी जाखड़ के निर्देशानुसार, घनकचरा विभाग के उपायुक्त अतुल पाटिल की निगरानी में यह मुहिम जोर-शोर से चलाई जा रही है। तय मानकों से कम गुणवत्ता वाली पॉलीथिन के उपयोग पर मनपा ने अब तक लाखों रुपये का आर्थिक दंड वसूल किया है।
बीते कुछ दिनों में, केडीएमसी की विशेष टीम और क्लीन अप मार्शल ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की है। मिठाई की दुकानों, बार और रेस्टोरेंट सहित कई स्थानों पर पॉलीथिन का अवैध रूप से उपयोग होते पाया गया, जिसके चलते उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ा।
मनपा की सख्त नीति के तहत पहली बार उल्लंघन करने वालों से ₹5000 का जुर्माना वसूला जाता है, दूसरी बार ₹10,000 का दंड लगाया जाता है, और अगर तीसरी बार फिर पॉलीथिन थैली इस्तेमाल करते हुए पकड़े गए, तो ₹25,000 का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाती है।
त्योहारी सीजन के दौरान पॉलीथिन पर अंकुश लगाने के लिए यह अभियान एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इस व्यापक मुहिम से शहर को स्वच्छ रखने और पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में एक ठोस पहल देखने को मिल रही है।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि हमारे उल्हासनगर शहर में जितने भी अवैध प्लास्टिक थैलियों के कारखाने चल रहें हैं। और जिन दुकानों में अवैध थैलियों बेची जाती हैं। क्या उन सब के ऊपर उल्हासनगर महानगर पालिका कारवाई करेगा क्या..??
उल्हासनगर में जितने भी अवैध प्लास्टिक थैलियों के कारखाने चल रहे हैं और दुकानों में अवैध थैलियों बेची जा रही हैं क्या उन सब के ऊपर किसी उल्हासनगर के पॉलिटिकल नेता या फिर कोई कर्मचारी की सपोर्ट है क्या..??
यह भी एक सवालिया निशान पैदा होता है..??
अब देखना यह दिलचस्प होगा की उल्हासनगर महानगर पालिका इन सबके ऊपर कारवाई करने में सफल होती है क्या..??
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