उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
दिवाली के अवसर पर उल्हासनगर के गोल मैदान पर खेल प्रेमियों के लिए आरक्षित वॉलीबॉल ग्राउंड और बैडमिंटन कोर्ट पर फटाका स्टॉल लगाने की अनुमति मिलने से शहर में भारी हंगामा खड़ा हो गया है। खेल प्रेमियों ने इसे अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार दिया है और मनपा के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।
गौरतलब है कि 2018 में तत्कालीन नगरसेविका और क्रीड़ा विभाग सभापति गीता साधनानी द्वारा इस मैदान के एक हिस्से को खेल गतिविधियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था। तब से लेकर अब तक इस मैदान का उपयोग वॉलीबॉल और बैडमिंटन के खेलों के लिए किया जाता रहा है। लेकिन इस साल दिवाली के मौके पर मनपा अधिकारियों द्वारा अचानक इस मैदान पर फटाका स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है, जिससे खेल प्रेमियों में गहरा आक्रोश है।
खेल प्रेमियों का कहना है कि गोल मैदान के पास पानी की टंकी के बाहर कई वर्षों से फटाका स्टॉल लगाए जाते रहे हैं, फिर भी इस बार खेलों के लिए आरक्षित जगह को क्यों चुना गया, यह समझ से परे है। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय विधायक और नगरसेवक भी खेल प्रेमियों के साथ खड़े हो गए हैं और मनपा के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इस मैदान को किसी अन्य गतिविधि के लिए नहीं देंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो मनपा मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
खेल प्रेमियों ने इस मामले में मनपा अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी है। अब शहर की नजरें मनपा अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे इस विरोध को कैसे संभालेंगे और खेल प्रेमियों की मांग को मानेंगे या नहीं।
इस घटना से शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल मच गई है।
गोल मैदान में फटाखे के वजह से कुछ बढ़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा..??
यह भी एक चर्चा का विषय पूरे उल्हासनगर शहर में बना हुआ है..??
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