किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए ज़रूरी है कि उसकी शुरुआत खुद से और अपने आसपास के लोगों से की जाए। इसी सिद्धांत को अपनाते हुए, उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रशासन ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के अभियान के तहत एक अहम कदम उठाया है। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय में प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। यह आदेश उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने ने जारी किया है और इसे जल्द ही सख्ती से लागू किया जाएगा।
बढ़ रहा है अवैध प्लास्टिक का उपयोग, प्रशासन की सख्त कार्रवाई का ऐलान।
उल्हासनगर में प्रतिबंधित प्लास्टिक का व्यापक उपयोग लगातार देखा जा रहा है। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रशासन ने कई बार छापेमारी कर गुप्त रूप से प्लास्टिक उत्पादन करने वाले कारखानों और दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन इस पर ठोस प्रभाव नहीं पड़ा है। माना जा रहा है कि कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की मिलीभगत के चलते शहर के बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक आसानी से उपलब्ध हो रहा है।
उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन विकास ढाकने का सख्त कदम।
काले बाजार में प्लास्टिक की उपलब्धता पर नियंत्रण रखने और प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम उठाते हुए, उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने ने घोषणा की है कि उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय, वार्ड समिति कार्यालयों और अन्य संबंधित कार्यालयों में अब प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल नहीं होगा। इसकी जगह, पानी के फिल्टर का उपयोग किया जाएगा।
प्रशासनिक बैठकों और कार्यक्रमों में भी बोतलबंद पानी पर रोक।
उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अब बोतलबंद पानी का उपयोग नहीं किया जाएगा। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा आयोजित बैठकों और कार्यक्रमों में भी बोतलबंद पानी का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसके लिए उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय में पानी के फिल्टर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है।
जनता की मांग: नेहरू चौक और उसके आस-पास के क्षेत्र बन रहे हैं अवैध प्लास्टिक थैलियां के मुख्य केंद्र।
उल्हासनगर शहर की जनता ने उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने से अपील की है कि नेहरू चौक से अमन टॉकीज रोड के पास अवैध प्लास्टिक थैलियों व्यापार के मुख्य केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहां बड़ी-बड़ी दुकानों और उनके पीछे स्थित गोदामों में अवैध रूप से प्लास्टिक का भंडारण और बिक्री हो रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। जनता का मानना है कि इन ठिकानों पर कार्रवाई से ही उल्हासनगर को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाया जा सकेगा।
उल्हासनगर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में यह कदम प्रशासन की दृढ़ता को दर्शाता है, और उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।
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