उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
हैदराबाद के हनुमान टेकड़ी इलाके में हाल ही में हुई भीषण आगजनी की घटना ने पूरे शहर में दहशत का माहौल बना दिया। इस हादसे में कई जानमाल का नुकसान हुआ और यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। त्योहारों के दौरान पटाखों और अन्य ज्वलनशील वस्तुओं के उपयोग से यह खतरा अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी मौजूद है। उल्हासनगर का नेहरू चौक भी ऐसा ही एक संवेदनशील इलाका है, जहां पटाखों और भीड़ के चलते आगजनी का खतरा हमेशा बना रहता है।
किसी दुर्घटना की स्थिति में इसके लिए जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या प्रशासन पर जवाबदेही तय की जाएगी? सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने पर प्रशासन की भूमिका और उसकी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। नेहरू चौक और इसके आसपास के क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाकों में प्रशासन को समय रहते सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
इस तरह के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों को सख्त करना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि एक आपात आवश्यकता भी, ताकि इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।
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