मुरबाड: दिनेश मीरचंदानी
ठाणे के मुरबाड में आतिशबाजी गोदाम में जोरदार विस्फोट: एक की मौत, एक गंभीर घायल – प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल..!
ठाणे जिले के मुरबाड इलाके में एक आतिशबाजी गोदाम में हुए धमाकेदार विस्फोट ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। इस दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया है। विस्फोट उस समय हुआ जब गोदाम में रखे आतिशबाजी के सामान में आग लग गई और आग फैलने के बाद जोरदार धमाका हो गया। घायल व्यक्ति को फौरन नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना के प्रमुख तथ्य:
घटना का स्थान: मुरबाड, ठाणे, महाराष्ट्र
विस्फोट स्थल: आतिशबाजी गोदाम
मृतक: 1
घायल: 1
सुरक्षा पर सवाल – प्रशासन की भूमिका पर उठी उंगली:
यह घटना केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा नहीं है, बल्कि ठाणे जिले में आतिशबाजी गोदामों और दुकानों की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलती है। इस तरह की विस्फोटक सामग्री के गोदामों में बार-बार आग लगने और धमाकों की घटनाएं होती रही हैं, जो सुरक्षा नियमों की लगातार अनदेखी की ओर इशारा करती हैं। इससे पहले भी ठाणे में एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें 10 लोगों की जान गई थी और 64 लोग घायल हो गए थे। उस घटना में भी आतिशबाजी गोदाम में आग लगने से विस्फोट हुआ था, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी।
क्या उल्हासनगर भी है खतरे में?
मुरबाड में हुई इस घटना ने अब उल्हासनगर के नेहरू चौक और आसपास के क्षेत्रों में स्थित आतिशबाजी गोदामों और दुकानों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। नेहरू चौक, उल्हासनगर में कई आतिशबाजी की दुकानें और गोदाम मौजूद हैं, जो इस तरह के हादसे की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में यह सवाल महत्वपूर्ण हो जाता है कि अगर उल्हासनगर में भी मुरबाड जैसी कोई घटना होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या उल्हासनगर महानगर पालिका इन गोदामों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है, या यहां भी सुरक्षा नियमों की अनदेखी हो रही है?
सरकार और प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए?
इस घटना से साफ हो गया है कि आतिशबाजी के गोदामों पर सुरक्षा के कड़े नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। प्रशासन को तुरंत एक्शन लेते हुए सभी गोदामों और दुकानों की जांच करनी चाहिए और जहां भी सुरक्षा में कमी मिले, वहां सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी बड़े हादसे होने का खतरा बना रहेगा।
निष्कर्ष:
मुरबाड के इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आतिशबाजी के गोदामों और दुकानों पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा नियमों का पालन न किया गया तो, निर्दोष लोगों की जान हमेशा खतरे में रहेगी। प्रशासन को अब अपनी आंखें खोलने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
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