मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है, जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिव सेना ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व प्रमुख समीर वानखेड़े को धारावी से आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की चर्चा तेज कर दी है। वानखेड़े, जो 2021 में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग केस में गिरफ्तारी के बाद एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे, अब राजनीतिक मंच पर उतरने की कगार पर हैं।
राजनीतिक हलचल तेज:
वानखेड़े का नाम सामने आते ही राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। अगर वानखेड़े को शिव सेना से धारावी सीट पर उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह शिंदे गुट के लिए एक बड़ा दांव साबित हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम हिंदू वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक हो सकता है, खासकर तब जब वानखेड़े की छवि कानून व्यवस्था के सख्त अधिकारी की रही है।
आर्यन खान केस से मिली राष्ट्रीय पहचान:
समीर वानखेड़े ने 2021 में आर्यन खान को ड्रग केस में गिरफ्तार करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं। उनके इस कदम को कई लोगों ने कानून की कड़ाई के रूप में देखा, जबकि कुछ ने इस मामले पर सवाल भी उठाए। लेकिन इस घटना ने वानखेड़े को एक मजबूत और कड़े अधिकारी के रूप में पहचान दिलाई। अब राजनीति में उनके प्रवेश से धारावी के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
शिव सेना की रणनीति:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए शिव सेना और अन्य दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। अगर वानखेड़े को टिकट मिलता है, तो शिव सेना का यह कदम भाजपा के हिंदुत्ववादी वोटरों को साधने की कोशिश मानी जा रही है। पार्टी को उम्मीद है कि वानखेड़े की मजबूत छवि और उनका पिछला कार्यकाल वोटरों को आकर्षित करेगा, जिससे धारावी जैसी अहम सीट पर पार्टी की पकड़ मजबूत होगी।
राजनीतिक परिणाम:
महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और भाजपा दोनों ही इस चुनाव में बड़ी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े का मैदान में उतरना शिव सेना के लिए चुनावी समीकरणों में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वानखेड़े की लोकप्रियता शिव सेना को इस चुनाव में धारावी से जीत दिलाने में मदद कर सकती है।
राजनीतिक गलियारों में इस खबर ने हलचल मचा दी है और अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वानखेड़े की चुनावी पारी शिव सेना के लिए निर्णायक साबित होगी।
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