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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने की जागरूकता की अपील, कहा- "वोट से बदलता है भविष्य"


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने सभी नागरिकों से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए हर मतदाता का मतदान करना न केवल जरूरी है, बल्कि यह उनकी जिम्मेदारी भी है।

समीर वानखेड़े ने अपने संदेश में कहा, "वोट सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। आपका एक वोट न केवल राज्य के भविष्य को आकार देता है, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली की ताकत का सबसे बड़ा प्रमाण है। सभी मतदाता सुनिश्चित करें कि वे समय पर अपने मतदान केंद्रों पर पहुंचें और लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी निभाएं।"

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है, और प्रशासन सभी मतदाताओं को सुविधाजनक और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। राज्यभर में चुनावी हलचल तेज हो गई है, और नागरिकों में भी मतदान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, हर मतदान केंद्र पर पर्याप्त सुरक्षा और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि मतदाता बिना किसी बाधा के अपने मत का प्रयोग कर सकें।

समीर वानखेड़े जैसे प्रतिष्ठित अधिकारी द्वारा की गई यह अपील न केवल नागरिकों को जागरूक करेगी, बल्कि मतदान के महत्व को भी रेखांकित करती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस अपील के बाद महाराष्ट्र के मतदाता किस तरह से लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाते हैं।







रीजेंसी एंटिलिया की विवादास्पद पार्टी पर हंगामा: उल्हासनगर के निवासियों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, नेताओं और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल।


(फाइल फोटो)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

2 नवंबर 2024 - उल्हासनगर के रीजेंसी एंटिलिया में आयोजित एक हाई-प्रोफाइल पार्टी ने शहर में सनसनी फैला दी है। एनवोग एक्सपीरियंस द्वारा आयोजित इस इवेंट में शराब और डीजे की तेज़ धुनों पर लोग झूमते रहे, लेकिन यह आयोजन कानून-व्यवस्था की अनदेखी और अव्यवस्था में बदल गया। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पार्टी में कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं, जिसके चलते चुनाव आयोग और प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े।

पार्टी में अव्यवस्था इतनी बढ़ गई कि पुलिस और एक्साइज विभाग ने कई बार छापेमारी की, परंतु हालात काबू में नहीं आए। इसके बाद टिटवाला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को खुद मौके पर पहुंचकर डीजे बंद कराने का आदेश देना पड़ा। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इस पार्टी में 21 साल से कम उम्र के युवाओं को खुलेआम शराब परोसी गई, जिससे कुछ नाबालिग नशे में धुत होकर आपस में भिड़ गए। कुछ युवाओं ने आपसी विवाद में शराब की बोतलें फेंकीं, जिससे कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

रीजेंसी एंटिलिया में घटित इस घटना से स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है। उल्हासनगर के प्रतिष्ठित नेता, उद्योगपति, और भावी विधायक भी इस परिसर में रहते हैं, लेकिन किसी ने इस आयोजन का विरोध नहीं किया, जिससे नागरिकों में निराशा और असंतोष बढ़ गया है। चुनावों से ठीक पहले ऐसे विवादास्पद आयोजन पर स्थानीय नागरिकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सूत्रों के मुताबिक, रीजेंसी एंटिलिया के निवासियों ने प्रशासन और नेताओं की चुप्पी से खिन्न होकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

इस घटना ने उल्हासनगर में चुनावी माहौल को और गरमा दिया है और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रशासन के प्रति नागरिकों का असंतोष और चुनाव प्रक्रिया में बढ़ता अविश्वास प्रशासनिक तंत्र के कर्तव्यों पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।







महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हिंदुस्तानी भाऊ की एंट्री, राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव!..!''


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बिग बॉस 13 से पहचान बनाने वाले और सोशल मीडिया पर करोड़ों चाहने वालों का समर्थन प्राप्त हिंदुस्तानी भाऊ अब राजनीति में कदम रख सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए प्रमुख राजनीतिक पार्टियां उनसे बातचीत कर रही हैं और उन्हें आगामी चुनाव में MLA उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने पर विचार कर रही हैं।

अगर यह खबर सच होती है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उथल-पुथल मच सकता है। भाऊ की जनता में जबरदस्त लोकप्रियता और उनका विशाल फैन बेस राजनीति के समीकरणों को बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है। उनकी संभावित उम्मीदवारी ने न सिर्फ उनके प्रशंसकों बल्कि राजनीतिक विश्लेषकों में भी हलचल मचा दी है।

महाराष्ट्र की राजनीति में भाऊ की एंट्री से आने वाले चुनाव में नया मोड़ आ सकता है, जो राज्य की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है।







महायुति और महाविकास अघाड़ी में सस्पेंस बरकरार: 36 सीटों पर नाम तय नहीं, उल्हासनगर बनी चुनावी चर्चा का केंद्र।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

राज्य की राजनीति में बड़ी हलचल, 36 विधानसभा सीटों पर अब तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं। महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों गठबंधनों के बीच गहरे असमंजस ने प्रदेश की चुनावी रणभूमि में अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल खड़ा कर दिया है। इस देरी ने राजनीतिक दलों के भीतर भी तनाव और रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत दिया है।

विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र की 13 सीटें, जैसे अकोट, अकोला पश्चिम, कारंजा, मेलघाट, मोर्शी, अरवी, सावनेर, उमरेड, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, वरोरा, अरनी, और उमरखेड़ पर उम्मीदवारों की घोषणा न होने से राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं और क्षेत्र में खलबली मची हुई है।

इसके अलावा, नांदेड़ दक्षिण, डेगलूर, मालेगांव सेंट्रल, दहानू, वसई, भिवंडी पूर्व, कल्याण पश्चिम, उल्हासनगर, बोरीवली, वर्सोवा, मानखुर्द शिवाजीनगर, शिवडी, पेन, खडकवासला, पुणे छावनी, श्रीरामपुर, बीड, माधा, सोलापुर सेंट्रल, पंढरपुर, मालशिरस, दोनों फलटण और कोल्हापुर उत्तर भी उन प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं, जिन पर अब तक किसी दल ने उम्मीदवारों का चयन नहीं किया है।

सूत्रों के अनुसार, उल्हासनगर की सीट सबसे ज्यादा विवादित मानी जा रही है। यहां उम्मीदवार चयन को लेकर अंदरूनी असहमति चरम पर है, और इससे जुड़े घमासान ने इस सीट को विशेष रूप से चर्चित बना दिया है। उल्हासनगर की सीट पर प्रत्याशी चयन में हो रही देरी को देखते हुए यहां के चुनावी नतीजों पर हर किसी की नजर है।

इस प्रकार, 36 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा में हो रही देरी चुनावी माहौल को और गर्म कर रही है, जिससे प्रदेश की राजनीति में अनिश्चितता और तनाव बढ़ता जा रहा है।











उल्हासनगर में बीजेपी को तगड़ा झटका, कद्दावर नेता दिनेश कुंग ने छोड़ा बीजेपी का साथ, टीम ओमी कलानी (TOK) में किया प्रवेश।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर की राजनीतिक फिजा में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बीजेपी को एक बड़ा झटका देते हुए, उसके वरिष्ठ नेता और जनाधार वाले नेता दिनेश कुंग ने पार्टी का साथ छोड़कर ओमी कलानी की टीम (TOK) में प्रवेश कर लिया है। यह कदम शहर की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाला साबित हो सकता है।

दिनेश कुंग, जो उल्हासनगर में बीजेपी के प्रभावशाली नेता माने जाते थे, ने अचानक पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया, जिससे बीजेपी के भीतर हड़कंप मच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुंग का यह कदम न केवल आगामी स्थानीय चुनावों को प्रभावित करेगा बल्कि बीजेपी की स्थानीय स्थिति को कमजोर करने वाला हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, लंबे समय से दिनेश कुंग और बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं के बीच खटपट चल रही थी। पार्टी के भीतर उन्हें लेकर कई मसलों पर मतभेद थे, जो आखिरकार इस बड़े फैसले की वजह बने। कुंग के इस निर्णय से उल्हासनगर की राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

कुंग के पार्टी छोड़ने के बाद, बीजेपी की पकड़ कमजोर होने की संभावना है, क्योंकि वे उल्हासनगर में एक मजबूत जनाधार रखते थे। दूसरी ओर, ओमी कलानी की टीम (TOK) ने कुंग का खुले दिल से स्वागत किया है और इसे संगठन की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कुंग के इस कदम से टीम ओमी कलानी को बड़ा फायदा होगा और बीजेपी को अपनी रणनीति पर फिर से काम करना पड़ेगा।

क्या है इसका भविष्य पर असर?

इस घटनाक्रम से उल्हासनगर की राजनीति गर्मा गई है। दिनेश कुंग का ओमी कलानी की टीम में शामिल होना, आने वाले चुनावों में समीकरणों को बदल सकता है। यह बीजेपी के लिए कठिन चुनौती साबित हो सकता है, खासकर तब, जब कुंग जैसे नेता पार्टी से बाहर जा चुके हैं।

उल्हासनगर की जनता भी इस बदलाव को लेकर काफी उत्सुक है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी कैसे इस संकट का सामना करती है।







करमाला माढा विधानसभा सीट बीजेपी के वफादारों के लिए आरक्षित करने की उठी मांग, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने करमाला माढा  विधानसभा सीट को पार्टी के वफादार और कर्मठ पदाधिकारियों के लिए आरक्षित करने की मांग उठाई है। यह मांग बीजेपी के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से 'सागर बंगले' पर की गई मुलाकात के दौरान की गई।

प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी शामिल थे, जिनमें गणेशजी कराड, दीपक चव्हाण, जितेश सरपंच अंकुश शिंदे, संजय कटारिया, किरण बोकन, नरेंद्र ठाकुर, मनोज कुलकर्णी, संतोष कांबले और अन्य कई महत्वपूर्ण नेता शामिल थे। इन नेताओं ने फडणवीस के सामने यह प्रस्ताव रखा कि करमाला माढा सीट को पार्टी के उन पदाधिकारियों के लिए आरक्षित किया जाए जिन्होंने पार्टी के प्रति वर्षों से निष्ठा और समर्पण दिखाया है।

बीजेपी द्वारा उम्मीदवारों की अधिकांश सूची पहले ही घोषित की जा चुकी है, लेकिन अब भी कुछ सीटें खाली हैं। इन्हीं सीटों में करमाला माढा विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी पदाधिकारियों की यह मांग सामने आई है। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस सीट पर उन्हीं लोगों को मौका मिलना चाहिए, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में पार्टी का साथ दिया है और बीजेपी के प्रति वफादारी दिखाई है।

इस बैठक और मांग के बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी इस मांग को स्वीकार करेगी और वफादार पदाधिकारियों को करमाला माढा सीट पर मौका देगी, या फिर पार्टी नेतृत्व कोई अन्य रणनीति अपनाएगा।

यह मुद्दा अब राज्य की राजनीति में तूल पकड़ता नजर आ रहा है, और आने वाले दिनों में बीजेपी की इस सीट को लेकर क्या फैसला होगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।








नागपुर साउथ वेस्ट से चुनाव लड़ेंगे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, 28 अक्टूबर को भर सकते हैं नामांकन, सियासी हलचल तेज।


नागपुर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट से फिर से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, वे 28 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह सीट फडणवीस का अभेद्य किला मानी जाती है, जहां से वे 2009, 2014 और 2019 में लगातार बड़ी जीत दर्ज कर चुके हैं। उनके नामांकन की खबर ने महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल मचा दी है।

नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से फडणवीस की उम्मीदवारी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के लिए मजबूत स्थिति बना दी है। यह सीट फडणवीस के राजनीतिक करियर का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, और उनकी लगातार सफलताओं ने उन्हें इस क्षेत्र का अजेय नेता बना दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, फडणवीस का चुनावी मैदान में उतरना महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के बीच भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हाल के समय में राज्य में कई राजनीतिक उठापटक देखने को मिली हैं, और ऐसे में फडणवीस की उम्मीदवारी से पार्टी को एक सशक्त स्थिति मिलने की उम्मीद है।

फडणवीस का नामांकन दाखिल करने का दिन न सिर्फ नागपुर बल्कि पूरे राज्य में चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। उनके कद और प्रभाव को देखते हुए यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी घटना साबित हो सकता है।







बीजेपी उल्हासनगर में उतार सकती है नया चेहरा, दिल्ली दरबार में नेताओं की हलचल तेज..!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जल्द ही अपनी दूसरी सूची जारी करने की तैयारी में है, जिसमें उल्हासनगर के लिए नए उम्मीदवार की घोषणा होने की प्रबल संभावना है। सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं कि बीजेपी इस बार किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है, जिससे पूरे इलाके में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।

स्थानीय नेताओं में बढ़ी बेचैनी, दिल्ली दरबार के चक्कर तेज

स्थानीय राजनीति में मची उथल-पुथल के बीच कई स्थानीय नेता अपनी उम्मीदवारी को पक्का कराने के लिए दिल्ली दरबार के चक्कर काट रहे हैं। बीजेपी के मौजूदा विधायक के स्थान पर नए उम्मीदवार को मैदान में उतारने की चर्चा ने स्थानीय नेताओं में बेचैनी पैदा कर दी है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हो रही बैठकों और मंथन से यह संकेत मिल रहे हैं कि उल्हासनगर में इस बार बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है।

उल्हासनगर बीजेपी का मजबूत गढ़, फिर भी समीकरण बदलने के आसार

उल्हासनगर बीजेपी का परंपरागत गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार पार्टी के भीतर नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी उल्हासनगर में नए चेहरे को सामने लाकर स्थानीय मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर सकती है। पार्टी के रणनीतिकार इस बदलाव के जरिए वोटों का गणित सुधारने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।

जल्द हो सकती है घोषणा, राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज

सूत्रों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में बीजेपी की तरफ से दूसरी सूची जारी की जा सकती है, जिसमें उल्हासनगर विधानसभा के उम्मीदवार का नाम भी शामिल होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी पुराने विधायक पर ही भरोसा जताती है या फिर नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला करती है। इस फैसले का उल्हासनगर के सियासी गलियारों में बेसब्री से इंतजार हो रहा है, क्योंकि यह बीजेपी की आगामी चुनावी रणनीति की दिशा तय करेगा।

उल्हासनगर में राजनीतिक माहौल गर्म

बीजेपी के इस संभावित फैसले ने उल्हासनगर की राजनीति में हलचल मचा दी है। विभिन्न धड़ों में चर्चाएं जोरों पर हैं, और हर कोई पार्टी की अगली चाल का इंतजार कर रहा है। पार्टी के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह न केवल स्थानीय बल्कि राज्य स्तर पर भी बीजेपी के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

अब देखना यह है कि बीजेपी इस बार किस रणनीति के साथ चुनावी रण में उतरती है और उल्हासनगर की जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मौका देती है।







मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बड़ा दांव: 24 अक्टूबर को कोपरी-पाचपाखाडी से भरेंगे नामांकन।


ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आने वाला है, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 24 अक्टूबर को कोपरी-पाचपाखाडी निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। शिवसेना के ताकतवर नेता शिंदे, जिन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा जमाया है, अब इस महत्वपूर्ण क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

यह निर्वाचन क्षेत्र शिंदे के लिए न केवल राजनीतिक दृष्टि से अहम है, बल्कि यह उनकी पार्टी के लिए भी एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। शिंदे के नामांकन के दौरान उनके समर्थकों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है, जिससे उनकी लोकप्रियता और जनाधार का प्रदर्शन होगा। शिंदे ने कोपरी-पाचपाखाडी को चुना है, जो लंबे समय से उनका गढ़ रहा है और जहां से उनका राजनीतिक प्रभाव और भी मजबूत होने की संभावना है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह नामांकन केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला कदम हो सकता है। शिंदे की मुख्यमंत्री के रूप में छवि और शिवसेना की मजबूती के लिए यह नामांकन बेहद अहम माना जा रहा है।

शिंदे के साथ उनके करीबी सहयोगी, शिवसेना के वरिष्ठ नेता और अन्य प्रमुख हस्तियां भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे। पूरे महाराष्ट्र की निगाहें इस नामांकन पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह राजनीतिक उठापटक की शुरुआत का संकेत दे रहा है।

एकनाथ शिंदे का यह कदम न केवल उनके राजनीतिक सफर का अहम पड़ाव साबित होगा, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले संभावित बदलावों को भी तय करेगा।








भाजपा की पहली लिस्ट जारी, उल्हासनगर सीट पर सस्पेंस बरकरार..!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी बहुप्रतीक्षित पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 99 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। डोंबिवली से रवींद्र चव्हाण, कल्याण पूर्व से सुलभा गायकवाड, और मुरबाड से किसन कथोरे को टिकट मिला है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उल्हासनगर विधानसभा सीट (141) को लेकर हो रही है, जिस पर अब भी गहरा सस्पेंस बरकरार है।

उल्हासनगर में होगा बड़ा राजनीतिक दांव? सूत्रों के हवाले से खबर है कि उल्हासनगर में इस बार भाजपा नए उम्मीदवार को मौका दे सकती है। पार्टी ने वर्तमान विधायक को टिकट से बाहर करने पर विचार किया है, और इस सीट पर किसी युवा और ऊर्जावान चेहरे को उतारने की तैयारी हो रही है। भाजपा की इस रणनीति ने उल्हासनगर में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

सियासी पारा चढ़ा, सभी की नजरें भाजपा की अगली सूची पर

उल्हासनगर में संभावित बदलाव को लेकर राजनीतिक चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। क्या भाजपा इस बार किसी नए उम्मीदवार को मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेलेगी, या फिर पार्टी मौजूदा नेताओं के साथ ही जाएगी? इस पर अटकलें लगाई जा रही हैं।

भाजपा की अगली सूची का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, जिसमें उल्हासनगर सीट के लिए अंतिम उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी। फिलहाल, उल्हासनगर की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें भाजपा की रणनीति पर टिकी हुई हैं।






बीजेपी कल जारी करेगी 110 उम्मीदवारों की पहली सूची..! उल्हासनगर में नए चेहरे से बदलेंगे समीकरण..!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी ने बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी कल 110 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। इस सूची में कई नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है। खासकर उल्हासनगर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में बीजेपी एक नया चेहरा उतारने पर विचार कर रही है, जो क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है।

नए चेहरों को मिलेगा मौका

बीजेपी इस बार चुनाव में नए और अनुभवी नेताओं का मिश्रण कर सकती है। पार्टी की रणनीति नए चेहरों को आगे लाकर युवा मतदाताओं और नए वोटर्स को आकर्षित करने की है। सूत्रों का कहना है कि उल्हासनगर में नया चेहरा उतारकर पार्टी स्थानीय समीकरणों को मजबूत करने की योजना बना रही है।

उल्हासनगर में बदलाव की हवा

उल्हासनगर सीट पर नए चेहरे को उतारने की संभावना ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। यह क्षेत्र बीजेपी के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और नए उम्मीदवार के साथ पार्टी यहां की मतदाताओं पर एक नई छाप छोड़ने का प्रयास कर रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम क्षेत्रीय समीकरणों को बदल सकता है और बीजेपी को नई ऊर्जा दे सकता है।

गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल

बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाकर चुनावी रणनीति बना रही है। उम्मीदवारों का चयन क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि इस बार नए चेहरों और अनुभवी नेताओं का संतुलन साधकर विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता पाई जा सकती है।







उल्हासनगर नगरपालिका में निविदा प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ: पूर्व नगरसेविका दिंपल ठाकुर ने की जांच की मांग।







उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर नगरपालिका में निविदा प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पूर्व नगरसेविका और लोक निर्माण विभाग की अध्यक्ष रही दिंपल नरेंद्र ठाकुर ने नगर आयुक्त को एक गंभीर पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने निविदा जारी करने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी की ओर इशारा किया है और तत्काल जांच की मांग की है।

ठाकुर ने अपने पत्र में निविदाओं को बंडल करके जारी करने की प्रथा पर सवाल उठाया है, जिसमें अलग-अलग कार्यों को एक ही निविदा में मिलाया जा रहा है। उन्होंने इस प्रथा को प्रतिस्पर्धा के लिए हानिकारक बताया और कहा कि इससे चुनिंदा ठेकेदारों को फायदा हो रहा है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि इस तरह की गतिविधियाँ करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर सकती हैं और घटिया सेवाओं की ओर ले जा सकती हैं।

दिंपल ठाकुर ने राजीव गांधी उद्यान (सपना गार्डन) की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं, जो उनके पैनल क्षेत्र में आता है। उन्होंने बताया कि उद्यान की दीवारों और प्रवेश द्वार को बिना किसी अनुमति के ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने एक साल से इस मुद्दे पर नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि ₹5 करोड़ की एक निविदा पारित की गई थी, जिसे ठेकेदार द्वारा सुरक्षा राशि जमा न कर पाने के बाद रद्द किया जाना चाहिए था। इसके बजाय, उसी निविदा को जय हिंद कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया गया और कार्य जय भारत कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है। ठाकुर ने इसे निविदा प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन बताया और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ियों का खुलासा
ठाकुर ने निविदा जारी करने की प्रक्रिया में कई अन्य अनियमितताओं की भी ओर इशारा किया, जैसे कि अपर्याप्त सूचना अवधि, अस्पष्ट मूल्यांकन मानदंड और सार्वजनिक जांच का अभाव। उन्होंने कहा कि इन प्रथाओं से जनता का विश्वास कमजोर होता है और नगर निगम की प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

तत्काल जांच की मांग
दिंपल ठाकुर ने आयुक्त से अपील की है कि इन मुद्दों की गहन जांच की जाए और निविदा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए। उन्होंने निगम की सभी खरीद प्रक्रियाओं में उच्चतम मानकों का पालन करने का आग्रह किया है ताकि करदाताओं के धन का सही उपयोग हो और निगम की विश्वसनीयता बनी रहे।

क्या निगम प्रशासन लेगा ठोस कदम?
अब देखना यह होगा कि उल्हासनगर नगरपालिका इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई करती है और निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं।









 

दशहरे के बाद महाराष्ट्र में कभी भी आचार संहिता लागू होने की संभावना, चुनावी सरगर्मी तेज..!



(फाइल फोटो)

न्यू दिल्ली/मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुंच रहा है। दशहरे के बाद किसी भी समय चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है। इसके बाद राज्य की राजनीतिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह जुट चुके हैं और हर पार्टी अपनी रणनीतियों को धार दे रही है।

आचार संहिता लागू होने के साथ ही सरकार की किसी भी नई योजना, घोषणा या शिलान्यास पर रोक लग जाएगी। यह कदम चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया जाता है, ताकि जनता बिना किसी प्रभाव के अपना प्रतिनिधि चुन सके। 

महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपनी जनसभाओं और प्रचार अभियानों को तेज कर दिया है। अगले कुछ दिनों में राजनीतिक माहौल और गरमाने की उम्मीद है। अब सबकी नजरें चुनाव आयोग की घोषणा पर टिकी हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में कौन सी पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित कर पाएगी।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आगामी चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे, क्योंकि सत्ता हासिल करने के लिए हर दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है।







मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहन योजना: तीसरे चरण में करोड़ों रुपये का लाभ करोड़ों महिलाओं को, सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहन योजना के तहत लाभ हस्तांतरण के तीसरे चरण की भव्य शुरुआत हो चुकी है। इस चरण में लाखों महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जो उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मददगार साबित होगी।

लाभ का वितरण

25 सितंबर को, 34,34,388 बहनों को 1545.47 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान किया गया। इसके बाद, 26 सितंबर को 38,98,705 बहनों को 584.8 करोड़ रुपये और 29 सितंबर को 34,74,116 बहनों को 521 करोड़ रुपये का सीधा लाभ हस्तांतरित किया गया है। इस प्रकार, योजना के तहत अब तक करोड़ों रुपये का वितरण किया जा चुका है।

महिला और बाल विकास मंत्री का बयान

महिला और बाल विकास मंत्री आदिती वरदा सुनिल तटकरे ने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले से लाभ प्राप्त करने वाली बहनों को तीसरा हफ्ता दिया गया है, जबकि तकनीकी कारणों से पिछड़े लाभार्थियों को तीनों हफ्तों का लाभ एक साथ प्रदान किया गया है।

सर्व पात्र महिलाओं के लिए प्रक्रिया जारी

मंत्री ने आश्वासन दिया कि शेष पात्र महिलाओं को लाभ हस्तांतरण की प्रक्रिया युद्धस्तर पर जारी है, और सभी को इस महीने के अंत तक सहायता प्राप्त होगी। 

सामाजिक प्रभाव

यह योजना समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे महिलाओं के बीच आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सराहा जा रहा है। 

सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक लाभ प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण को भी मजबूती दे रही है, जिससे पूरे राज्य में एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास का संचार हो रहा है।