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महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम: महायुती और महाविकास आघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर, सट्टा बाजार ने महायुती को बताया मजबूत।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में चुनावी हलचल चरम पर है। महायुती (भाजपा-शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट-एनडीए) और महाविकास आघाड़ी (शिवसेना उद्धव गुट-एनसीपी-कांग्रेस) के बीच इस बार चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक होने की संभावना है। राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं, और जनता के फैसले का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान: महायुती को बढ़त

राजनीतिक हलचलों के बीच फलोदी सट्टा बाजार ने अपना अनुमान पेश किया है। बाजार के रुझान के अनुसार, महायुती को बढ़त मिलने के आसार बताए जा रहे हैं। हालांकि, सट्टा बाजार का इतिहास रहा है कि उसके अनुमान हमेशा सही नहीं होते। बावजूद इसके, सट्टा बाजार का रुझान राजनीतिक चर्चाओं में एक अलग ही दिलचस्पी जोड़ देता है।

राजनीतिक समीकरण और मुद्दों पर जनता का फैसला होगा अहम

विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे, स्थानीय नेताओं का प्रदर्शन और गठबंधन की रणनीतियां प्रमुख भूमिका निभाएंगी। महायुती जहां विकास और स्थिरता के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, वहीं महाविकास आघाड़ी अपने पिछले कार्यकाल के कार्यों और भाजपा विरोधी एकता पर जोर दे रही है।

चुनाव के परिणाम से तय होगा सत्ता का भविष्य

महाराष्ट्र की जनता अब 2024 के चुनावी नतीजों का इंतजार कर रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का चुनाव राज्य की राजनीतिक दिशा को लंबे समय के लिए तय कर सकता है। क्या महायुती अपनी सत्ता को कायम रख पाएगी, या महाविकास आघाड़ी सत्ता में वापसी करेगी? यह सवाल राज्य की जनता के फैसले के साथ ही साफ हो सकेगा।

आखिरी फैसला जनता के हाथ में

चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में है, और सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। जनता का मूड और मतदान का प्रतिशत इस बार के नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाएगा। महाराष्ट्र में सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी, यह जानने के लिए अब सभी की नजरें 2024 के चुनावी परिणामों पर टिकी हुई हैं।









शिव कुमार मिश्रा का भाजपा में प्रवेश, उल्हासनगर में भाजपा को नई ऊर्जा की उम्मीद।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

गुरुवार, 14 नवंबर 2024 को उल्हासनगर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ऐतिहासिक दिन का गवाह बनाया, जब क्षेत्र के प्रभावशाली नेता शिव कुमार मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। मिश्रा जी के भाजपा में प्रवेश को क्षेत्र में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है, जिससे भाजपा के जनाधार में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।

इस महत्वपूर्ण मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री प्रदीप रामचंदानी, वरिष्ठ नेता श्री जमनादास पुरुस्वानी, श्री प्रकाश माखीजा और श्री महेश सुखरामानी की विशेष उपस्थिति रही। इनके अलावा, स्थानीय समाजसेवक श्री मनोज साधनानी और श्री शेंटी अण्णा भी समारोह में मौजूद रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया।

भाजपा की ओर से मिश्रा जी के शामिल होने का स्वागत करते हुए नेताओं ने कहा कि उनके जुड़ने से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी और विकास के एजेंडे को और मजबूती मिलेगी। मिश्रा जी के आने से पार्टी को न केवल समर्थकों का व्यापक जनसमर्थन मिलेगा, बल्कि आगामी चुनावों में भी भाजपा को इसका लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिव कुमार मिश्रा के प्रवेश से उल्हासनगर और आसपास के क्षेत्रों में भाजपा की पकड़ और मजबूत होगी, जिससे पार्टी के भविष्य के रणनीतिक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।







जत विधानसभा चुनाव में समर्थन जुटाने का बड़ा अभियान: गोपीचंद पडळकर के समर्थन में विशाल जनसभाओं का आयोजन, डॉ. ओमप्रकाश शेटे करेंगे संबोधित।


जत: दिनेश मीरचंदानी 

जत विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना महायुती के अधिकृत उम्मीदवार, विधायक गोपीचंद पडळकर के समर्थन में आज दो प्रमुख जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं, जो विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल को नया मोड़ देने की संभावना है। इन सभाओं को जनता का अपार समर्थन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे डॉ. ओमप्रकाश शेटे

इस महत्वपूर्ण चुनावी कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में आयुष्यमान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति के प्रमुख, माननीय डॉ. ओमप्रकाश शेटे मौजूद रहेंगे। डॉ. शेटे इस दौरान अपने संबोधन में महायुती सरकार की उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं, और विकास के मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिससे जनता का मनोबल ऊंचा रखने का प्रयास रहेगा।

कार्यक्रम का विवरण:

तिथि: 14 नवंबर 2024

पहली सभा:

समय: सायं 6:00 बजे

स्थान: शेगाव, तहसील जत

दूसरी सभा:

समय: सायं 7:00 बजे

स्थान: बेवनूर, तहसील जत

इन जनसभाओं को विधानसभा क्षेत्र में महायुती के लिए समर्थन जुटाने का बड़ा कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन सभाओं से मतदाताओं के बीच महायुती के प्रति विश्वास को और मजबूती मिल सकती है।








 

चुनाव प्रचार हेतु पालघर पुलिस ग्राउंड हेलीपैड पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच।


 

पालघर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चुनाव प्रचार के दौरान पालघर पुलिस ग्राउंड के हेलीपैड पर उनके बैग की सुरक्षा जांच की गई। इस घटना के तहत, जब शिंदे चुनावी अभियान के सिलसिले में हेलीपड पर उतरे, तो सुरक्षा बल द्वारा उनके बैग की विस्तृत जांच की गई।

स्रोतों के अनुसार, जांच के दौरान कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं पाई गई। यह कार्रवाई चुनावी सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुरूप की गई, जिसमें वरिष्ठ नेताओं और अभ्यर्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। पालघर पुलिस ने पुष्टि की कि इस प्रकार की जांच नियमित सुरक्षा उपायों के तहत की जाती है ताकि चुनावी माहौल में किसी भी प्रकार की असुरक्षा को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, "सुरक्षा जांच में कोई आपत्ति नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से हो।" उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा की गई यह जांच चुनावी नियमों का पालन करने का हिस्सा है।

इस घटना ने राज्य में चुनावी सुरक्षा व्यवस्था की प्रभावशीलता पर ध्यान केंद्रित किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सख्त सुरक्षा उपाय चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक हैं, जबकि विपक्षी दल इसे राजनीतिक नेताओं पर अनुचित निगरानी के रूप में भी देख सकते हैं।

पालघर पुलिस ग्राउंड हेलीपैड पर हुई इस घटना ने चुनावी सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्ता को फिर से उजागर किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा को उच्चतम प्राथमिकता दी जा रही है।







महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: मैटराइज सर्वेक्षण में महायुती को भारी बढ़त, सत्ता की राह आसान, महाविकास आघाडी को बड़ा झटका।



(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मैटराइज द्वारा किए गए सर्वेक्षण में महायुती (भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों) की जबरदस्त बढ़त दिख रही है, जिससे सत्ता में उसकी वापसी का मार्ग लगभग साफ होता नजर आ रहा है। राज्य की 288 सीटों में से महायुती को 145 से 165 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है, जो कि बहुमत से भी अधिक है। वहीं, विपक्षी महाविकास आघाडी (कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना) को सिर्फ 106 से 126 सीटों पर सिमटने का अनुमान है, जिससे उसकी सत्ता की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।

इस सर्वेक्षण ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। महायुती के लिए यह परिणाम बहुत ही अनुकूल साबित हो सकते हैं, जिससे राज्य में एक स्थिर सरकार बनने की संभावना बढ़ गई है। दूसरी तरफ, महाविकास आघाडी के लिए यह चुनावी अनुमान एक चुनौती बनकर उभरे हैं, जिससे उनकी चुनावी रणनीतियों में बदलाव की आवश्यकता महसूस हो सकती है।

इस पूर्वानुमान के बाद महाराष्ट्र का चुनावी माहौल और गर्म हो गया है, और सभी की नजरें अब चुनाव परिणामों पर टिक गई हैं, जहां महायुती के सत्ता में लौटने की संभावनाएं पहले से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही हैं।







उल्हासनगर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने का खेल, शराब-कबाब की पार्टियों से वोट बटोरने की कोशिश..।


(फाइल फोटो)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर विधानसभा सीट 141 पर चुनाव प्रचार में मतदाताओं को लुभाने के लिए देर रात तक पार्टियों का दौर, शराब-कबाब की पार्टियों से वोटर्स पर डोरे डालने की कोशिश

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के चलते उल्हासनगर की 141 नंबर विधानसभा सीट पर भी चुनावी पारा चढ़ा हुआ है। यहां उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं, और हर संभव कोशिश की जा रही है कि मतदाता उनके पक्ष में मतदान करें। जगह-जगह प्रचार रैलियां और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उम्मीदवार वोटरों का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए उल्हासनगर-3 के बड़े होटलों में रात के समय पार्टियों का आयोजन शुरू कर दिया है। इन पार्टियों में शराब और कबाब का जमकर इंतजाम किया जा रहा है। रात 2 बजे तक चलने वाले इन आयोजनों का मकसद यही है कि मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके और उनके वोट हासिल किए जा सकें।

इस प्रकार के आयोजनों ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या चुनाव आयोग इस मामले में कोई सख्त कदम उठाता है, या फिर इस प्रकार की गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाई जाती।








चुनाव में भ्रष्टाचार और लापरवाही: उल्हासनगर के फ्लाइंग स्क्वॉड के पांच कर्मचारियों पर FIR और निलंबन की कड़ी कार्रवाई।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के 141-विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कर्तव्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। जिला चुनाव अधिकारी ने फ्लाइंग स्क्वॉड की टीम क्रमांक 3 और 6 के पांच कर्मचारियों पर भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज करने और निलंबन की कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। इस ऐतिहासिक कदम को चुनावों में भ्रष्टाचार पर सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

मामला तब खुला, जब चुनाव अधिकारी के निर्देश पर उल्हासनगर महानगरपालिका के लिपिक श्री. संकेत चनपुर, श्री. संदीप शिरसवाल, मुकादम श्री. अण्णासाहेब बोरुडे, और पुलिस कर्मचारियों श्री. विश्वनाथ ठाकूर तथा श्री. राजरत्न बुकटे के खिलाफ 8 नवम्बर की रात प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले की शिकायत 18 अक्टूबर 2024 की घटना के संबंध में 19 अक्टूबर को पुलिस उप-आयुक्त के समक्ष की गई थी।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, 18 अक्टूबर की सुबह बबन आमले और उनके मित्र नितीन शिंदे अपनी कार में 7,50,000 रुपए नकद लेकर जा रहे थे। फ्लाइंग स्क्वॉड टीम के प्रभारी संदीप शिरसवाल और संकेत चनपुर ने आमले को नकदी जब्त करने और FIR दर्ज करने की धमकी दी। इसी डर का लाभ उठाते हुए, कर्मचारियों ने उनसे 85,000 रुपए अपने पास रख लिए।

जांच और पूछताछ के बाद, पुलिस उप-आयुक्त ने 28 अक्टूबर को चुनाव अधिकारी को रिपोर्ट सौंपी। जांच में दोषी पाए जाने पर 31 अक्टूबर को चुनाव अधिकारी ने सभी दोषी कर्मियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की। 8 नवम्बर को जिला चुनाव अधिकारी को इस मामले का विवरण मिलने पर उन्होंने कड़े आदेश जारी करते हुए तुरंत FIR दर्ज करने और कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए।

इस कड़ी कार्रवाई के बाद, उल्हासनगर महानगरपालिका और पुलिस विभाग ने सभी पांच दोषी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इस घटना के बाद, सभी चुनावी टीमों को निष्पक्षता, निष्ठा और पारदर्शिता बनाए रखने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

चुनावी भ्रष्टाचार पर यह सख्त कदम मतदाता सुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रमाण है और यह संदेश देता है कि कोई भी चुनावी कर्तव्य में लापरवाही या अनुचित आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।









विधानसभा चुनाव 2024: उल्हासनगर में चुनाव निरीक्षक का व्यापक निरीक्षण, स्ट्रॉन्ग रूम सुरक्षा की समीक्षा।


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, और 141 उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र में आज एक महत्वपूर्ण निरीक्षण हुआ। चुनाव निरीक्षक श्री दिलीपकुमार पांडे ने नव निर्मित प्रशासनिक भवन, पवई, उल्हासनगर में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम और अन्य चुनावी व्यवस्थाओं का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा प्रबंधों और चुनावी पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए की गई व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन किया गया।

इस निरीक्षण में चुनावी प्रबंधन के प्रमुख अधिकारी, जैसे कि 141 उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी एवं उपविभागीय अधिकारी श्री विजयानंद शर्मा, उपायुक्त उल्हासनगर मंडल-4 के श्री सचिन गोरे, तथा सहायक निर्वाचन अधिकारी श्रीमती कल्याणी कदम भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने मिलकर स्ट्रॉन्ग रूम में रखी गई सुरक्षा व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की। साथ ही, अन्य आवश्यक तैयारियों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की चूक न हो और पारदर्शिता बनी रहे।

इस निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि स्ट्रॉन्ग रूम में किसी भी प्रकार की सुरक्षा में कमी न हो, और मतपत्रों की सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया जा रहा हो। अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक और पारदर्शिता के साथ संचालित करने के लिए हर संभव उपायों पर चर्चा की।

चुनाव के मद्देनजर यह निरीक्षण उल्हासनगर के नागरिकों में एक सकारात्मक संदेश भी दे रहा है कि चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा रही है। यह निरीक्षण विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।







विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर: ओमी पप्पू कालाणी का नामांकन मंजूर, विरोधियों में मची खलबल..!


 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी चरम पर है, जहां ओमी पप्पू कालाणी के नामांकन मंजूर होते ही राजनीतिक पटल पर हलचल मच गई है। अपने दमदार व्यक्तित्व और जनता के समर्थन से ओमी कालाणी ने विरोधियों की तमाम रणनीतियों और साजिशों को ध्वस्त करते हुए अपने नामांकन को मंजूर करा लिया। यह कदम उनके लिए एक ऐतिहासिक जीत साबित हुआ है।

विरोधियों की साजिशें हुईं नाकाम

विरोधी खेमे ने हर तरह के पैंतरे आजमाए। नामांकन में रुकावट डालने के लिए कानूनी लड़ाई से लेकर राजनीतिक दबाव तक की कोशिशें हुईं, लेकिन ओमी पप्पू कालाणी ने अपनी सूझबूझ और संकल्प से हर चुनौती का सामना किया। उन्होंने विरोधियों को करारा जवाब देते हुए एक मजबूत संदेश दिया है कि उनका इरादा अटल है और वे जनता की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

जनता की उम्मीदें, ओमी की जीत की प्रबल संभावना

उल्हासनगर के मतदाताओं की उम्मीदें ओमी पप्पू कालाणी से जुड़ गई हैं। जनता में एक नए नेता की चाह और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद बढ़ गई है। ओमी कालाणी का नामांकन मंजूर होते ही पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है और लोगों में उनकी जीत को लेकर उत्साह और विश्वास देखा जा रहा है। "अबकी बार, ओमी पप्पू कालाणी आमदार" का नारा पूरे जोश से गूंज रहा है।

क्या उल्हासनगर को मिलेगा एक नया नेतृत्व?

ओमी कालाणी के समर्थन में जनता का उभार देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह चुनाव उनके लिए ऐतिहासिक जीत साबित हो सकता है। उन्होंने अपने संघर्ष और संकल्प से यह स्पष्ट कर दिया है कि वे क्षेत्र के विकास और लोगों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि उल्हासनगर को अब एक ऐसा विधायक मिलेगा जो जनता के हर छोटे-बड़े मुद्दों को लेकर सजग और प्रतिबद्ध रहेगा।

अब सभी की नजरें आने वाले चुनाव परिणामों पर हैं, लेकिन वर्तमान हालात को देखकर ऐसा लगता है कि उल्हासनगर में इस बार एक नया युग शुरू हो सकता है।







समीर वानखेड़े का इस्तीफा नामंजूर, गृह मंत्रालय ने दिया देश सेवा जारी रखने का संदेश।


(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

देशभर में अपनी छवि और बेबाक कार्यशैली से चर्चित IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे गृह मंत्रालय ने बिना देरी किए खारिज कर दिया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस तरह के ईमानदार और समर्पित अधिकारियों की देश को वर्तमान दौर में बहुत आवश्यकता है। वानखेड़े को एक सख्त संदेश देते हुए मंत्रालय ने उनके इस्तीफे को नकारते हुए कहा कि उनकी सेवाएं देश के लिए अनमोल हैं और वह अपने पद पर बने रहें।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के इस्तीफे के पीछे उनका चुनावी मैदान में उतरने का इरादा हो सकता था। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि वह राजनीति में अपनी नई पारी शुरू करने की तैयारी में थे। मगर, गृह मंत्रालय के इस कदम के बाद यह संभावना फिलहाल खत्म होती दिखाई दे रही है।

समीर वानखेड़े का इस्तीफा नामंजूर होने की खबर ने देशभर में हलचल मचा दी है। हर तरफ चर्चा है कि क्या वानखेड़े प्रशासनिक सेवाओं में ही रहेंगे या जल्द ही राजनीतिक मैदान में कोई बड़ी घोषणा करेंगे। वानखेड़े का इस्तीफा अस्वीकार कर मंत्रालय ने संकेत दिया है कि वे अपने पद पर रहकर देश की सेवा करते रहें, क्योंकि उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है।

जनता और राजनैतिक जगत में इस फैसले ने खलबली मचा दी है। यह घटना आने वाले समय में प्रशासनिक और राजनीतिक जगत में बड़े बदलावों की संभावना को जन्म दे रही है।







उल्हासनगर विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा धमाका! ओमी कलानी ने दाखिल किया नामांकन, पूरे शहर में गूंजा नारा – "अबकी बार ओमी कालानी आमदार!"



 

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर विधानसभा चुनाव में इस बार का सबसे बड़ा ऐलान सामने आ गया है! राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के प्रमुख चेहरे और जाने-माने नेता श्री ओमी कलानी ने आज अपने नामांकन से उल्हासनगर की राजनीति में हलचल मचा दी है। जैसे ही कलानी के नामांकन की खबर फैली, पूरा शहर उत्साह और चर्चाओं से गूंज उठा। हर चौक-चौराहे, हर नुक्कड़, हर गली में सिर्फ एक ही नारा गूंज रहा है – "अबकी बार ओमी कलानी आमदार!"

राजनीति में भूचाल, शहर में जश्न का माहौल!

नामांकन दाखिल करने के बाद शहरवासियों और कलानी समर्थकों का उत्साह चरम पर पहुंच गया है। समर्थकों ने पूरे शहर को नारों, बैनरों, और जुलूसों से भर दिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूरा शहर एक ही आवाज में ओमी कलानी के समर्थन में उतर आया है। रैलियों का आयोजन, जश्न की महफिलें, ढोल-ताशों की गूंज, और पोस्टरों की भरमार ने उल्हासनगर को पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग दिया है।

राजनीतिक जानकारों का अनुमान: "ओमी कलानी की दावेदारी बदलेगी चुनाव का रुख!"

राजनीतिक पंडित भी इस बार के चुनावी समीकरण में ओमी कलानी की भूमिका को अहम मान रहे हैं। उनका कहना है कि कलानी की दावेदारी ने चुनावी संघर्ष को और भी रोमांचक बना दिया है। इस कदम से उल्हासनगर का चुनावी मैदान अब और तीव्र हो गया है, और राजनीतिक विश्लेषक इसे एक ऐतिहासिक मोड़ मान रहे हैं।

शहर के युवा, बुजुर्ग और महिलाएं – सबकी एक ही आवाज!

ओमी कलानी के समर्थन में हर वर्ग के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। युवा हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या व्यापारी – हर वर्ग में कलानी की जीत को लेकर अद्भुत उत्साह देखा जा रहा है। समर्थकों का दावा है कि "ओमी कलानी ही इस बार आमदार बनेंगे और उल्हासनगर की आवाज़ को बुलंद करेंगे!"

उल्हासनगर में चुनावी तापमान चरम पर, इस बार की जंग में इतिहास बनने का इंतजार!







IRS अधिकारी समीर वानखेड़े धारावी से चुनाव मैदान में, सीएम एकनाथ शिंदे जल्द करेंगे ऐतिहासिक ऐलान..!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी

महाराष्ट्र में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आने की तैयारी में है! भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के प्रतिष्ठित अधिकारी समीर वानखेड़े अब राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं, और वो भी मुंबई के सबसे संवेदनशील क्षेत्र धारावी से। धारावी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए समीर वानखेड़े का नाम सामने आया है, और सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द ही इस ऐतिहासिक फैसले का ऐलान कर सकते हैं।

समीर वानखेड़े का नाम सुनते ही भ्रष्टाचारियों में हलचल मच जाती है। अपने सख्त अंदाज और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए मशहूर वानखेड़े ने अब तक कई हाई-प्रोफाइल मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई है। धारावी जैसी जगह, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक है, यहां के नागरिकों की आशाएं इस सख्त और ईमानदार अधिकारी से जुड़ गई हैं।

इससे भी बड़ी बात यह है कि चर्चा है कि वानखेड़े को शिवसेना (शिंदे गुट) से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो यह शिंदे गुट के लिए एक मजबूत रणनीतिक चाल साबित हो सकती है। समीर वानखेड़े जैसे व्यक्तित्व का धारावी से चुनाव में उतरना न केवल राजनीति को नया मोड़ देगा, बल्कि यहां की जनता के जीवन में भी परिवर्तन का संचार करेगा।







उल्हासनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी पीछे हटी, शिंदे गुट के पक्ष में बदल सकते हैं समीकरण..!


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा सियासी उलटफेर! उल्हासनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपना दावा छोड़ने का संकेत दिया है। सूत्रों की मानें तो अब यह सीट शिवसेना के शिंदे गुट के खाते में जा सकती है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में बड़ी हलचल मचा दी है, और चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।

बीजेपी और शिंदे गुट के बीच चल रही सीटों के बंटवारे में उल्हासनगर का यह फैसला एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस सीट का शिंदे गुट के पास जाना सिर्फ एक चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक दांव है जो गठबंधन की शक्ति और चुनावी योजनाओं को प्रभावित कर सकता है।

उल्हासनगर में शिंदे गुट की संभावित जीत को लेकर उनके समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है, जबकि विरोधी दल इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर अपनी रणनीति दोबारा तय करने में जुट गए हैं। अब सबकी नज़रें आगामी विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं।






मानखुर्द-शिवाजीनगर से नवाब मलिक की उम्मीदवारी रद्द: दिल्ली की महायुति बैठक में बड़ा राजनीतिक उलटफेर..!


(फाइल फोटो)

दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

दिल्ली में चल रही महायुति की महत्वपूर्ण बैठक में एक बड़ा राजनीतिक धक्का सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, एनसीपी (अजीत पवार गुट) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की मानखुर्द-शिवाजीनगर से उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया है। इस अप्रत्याशित निर्णय ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है और इससे चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आने की संभावना जताई जा रही है।

नवाब मलिक, जो अजीत पवार गुट के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, उनकी उम्मीदवारी का रद्द होना महायुति की रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर सीधे असर डाल सकता है, जहां सभी राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने के लिए प्रयासरत हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है और महायुति से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी सामने आ सकते हैं। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में नई प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है, जिससे आगामी चुनावों का माहौल और भी रोचक हो सकता है। सभी की निगाहें अब इस फैसले के बाद होने वाले संभावित बदलावों पर हैं।






उल्हासनगर महानगर प्रमुख राजेंद्र चौधरी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अहम मुलाकात से राजनीतिक हलचल तेज, क्या महायुति के बड़े उम्मीदवार बन सकते हैं चौधरी..?


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के शिवसेना महानगर प्रमुख राजेंद्र चौधरी की आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात को सामान्य नहीं माना जा रहा है, बल्कि इसे आगामी चुनावों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात महायुति की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकती है। शिंदे गुट द्वारा शिवसेना में हाल ही में की गई रणनीतिक फेरबदल और महायुति की मजबूती को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राजेंद्र चौधरी को महायुति के बड़े उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सकता है।

सूत्रों की माने तो चौधरी की उल्हासनगर में मजबूत पकड़ और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए, उन्हें चुनावी मैदान में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में यह मुलाकात एक राजनीतिक संदेश भी दे रही है कि शिवसेना शिंदे गुट और महायुति की ओर से चौधरी को अहम भूमिका में देखा जा रहा है।

चौधरी की इस मुलाकात से यह अटकलें और भी तेज हो गई हैं कि क्या उन्हें आगामी चुनावों में महायुति का प्रमुख चेहरा बनाया जाएगा? क्या शिवसेना का शिंदे गुट उल्हासनगर से उन्हें अपने मुख्य उम्मीदवार के रूप में उतारने की तैयारी कर रहा है?

इस मुलाकात के बाद राजनीति के जानकारों में चर्चा गर्म है कि आने वाले दिनों में इस मुलाकात के परिणाम किस दिशा में जाएंगे। लेकिन एक बात तो तय है कि उल्हासनगर की राजनीति में इस मुलाकात के बाद बड़े बदलावों की संभावना नजर आ रही है।






शिवसेना (शिंदे) धारावी से समीर वानखेड़े को उतार सकती है चुनावी मैदान में, महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मोड़।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है, जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिव सेना ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व प्रमुख समीर वानखेड़े को धारावी से आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की चर्चा तेज कर दी है। वानखेड़े, जो 2021 में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग केस में गिरफ्तारी के बाद एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे, अब राजनीतिक मंच पर उतरने की कगार पर हैं।

राजनीतिक हलचल तेज:

वानखेड़े का नाम सामने आते ही राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। अगर वानखेड़े को शिव सेना से धारावी सीट पर उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह शिंदे गुट के लिए एक बड़ा दांव साबित हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम हिंदू वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक हो सकता है, खासकर तब जब वानखेड़े की छवि कानून व्यवस्था के सख्त अधिकारी की रही है।

आर्यन खान केस से मिली राष्ट्रीय पहचान:

समीर वानखेड़े ने 2021 में आर्यन खान को ड्रग केस में गिरफ्तार करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं। उनके इस कदम को कई लोगों ने कानून की कड़ाई के रूप में देखा, जबकि कुछ ने इस मामले पर सवाल भी उठाए। लेकिन इस घटना ने वानखेड़े को एक मजबूत और कड़े अधिकारी के रूप में पहचान दिलाई। अब राजनीति में उनके प्रवेश से धारावी के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।

शिव सेना की रणनीति:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए शिव सेना और अन्य दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। अगर वानखेड़े को टिकट मिलता है, तो शिव सेना का यह कदम भाजपा के हिंदुत्ववादी वोटरों को साधने की कोशिश मानी जा रही है। पार्टी को उम्मीद है कि वानखेड़े की मजबूत छवि और उनका पिछला कार्यकाल वोटरों को आकर्षित करेगा, जिससे धारावी जैसी अहम सीट पर पार्टी की पकड़ मजबूत होगी।

राजनीतिक परिणाम:

महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और भाजपा दोनों ही इस चुनाव में बड़ी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। ऐसे में समीर वानखेड़े का मैदान में उतरना शिव सेना के लिए चुनावी समीकरणों में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वानखेड़े की लोकप्रियता शिव सेना को इस चुनाव में धारावी से जीत दिलाने में मदद कर सकती है।

राजनीतिक गलियारों में इस खबर ने हलचल मचा दी है और अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वानखेड़े की चुनावी पारी शिव सेना के लिए निर्णायक साबित होगी।







आज हो सकता है महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान..!


 नई दिल्ली: दिनेश मीरचंदानी 

नई दिल्ली से आ रही बड़ी राजनीतिक हलचल ने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। चुनाव आयोग आज महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। यह फैसला देश की राजनीति में हलचल मचाने वाला साबित हो सकता है। दोनों राज्यों के राजनीतिक समीकरणों पर इस घोषणा का गहरा असर होगा, जहां महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई चरम पर है, वहीं झारखंड में भी चुनावी घमासान की पूरी तैयारी हो रही है।

महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की रस्साकशी पहले से ही सुर्खियों में है, और अब चुनावी तारीखों की घोषणा इस संघर्ष को और तीव्र कर सकती है। झारखंड में भी सत्ता बचाने और विपक्ष को मात देने की कवायदें तेज हो जाएंगी। राजनीतिक दलों की रणनीतियां इस ऐलान के बाद से स्पष्ट होनी शुरू हो जाएंगी।

चुनाव आयोग के इस संभावित ऐलान के बाद पूरे देश का ध्यान इन दो राज्यों की ओर खिंच जाएगा, और सियासी पारा चढ़ने की पूरी संभावना है।







महाराष्ट्र में सियासी भूचाल! मुख्यमंत्री शिंदे और अजित पवार के बीच मंत्रिमंडल बैठक में तीखा टकराव, अजित पवार का मंत्रिमंडल से बाहर होना बना सुर्खियों का केंद्र – शाम को करेंगे बड़ा ऐलान..!

(फाईल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा धमाका होने जा रहा है! राज्य मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच तीखी बहस होने की जानकारी सामने आई है। यह बहस इतनी गंभीर हो गई कि अजित पवार का कैबिनेट से बाहर होना अब चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।

अजित पवार के अगले कदम को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी बीच, पवार ने आज शाम मुंबई में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार अपनी पार्टी की अगली रणनीति का खुलासा कर सकते हैं, जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा में बड़ा बदलाव आ सकता है। उनकी इस घोषणा का सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनता को भी बेसब्री से इंतजार है।

महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम एक बड़े सियासी मोड़ की ओर इशारा कर रहा है।






बीजेपी हाई कमान ने IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को चुनाव लड़ने के लिए किया आग्रह..!



(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के चर्चित IRS अधिकारी और एनसीबी के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने समीर वानखेड़े से अनुरोध किया है कि वे वाशिम जिले के मंगरूळपिर विधानसभा सीट से आगामी चुनाव लड़ने की तैयारी करें।

समीर वानखेड़े, जो अपनी सख्त छवि और भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों के लिए जाने जाते हैं, ने राजनीति में कदम रखने का कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन बीजेपी के इस आग्रह ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बीजेपी के इस कदम को मंगरूळपिर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है।






उल्हासनगर की राजनीति में बड़ा धमाका: दिनेश कुंग BJP को कह सकते हैं अलविदा, टीम ओमी कालानी (TOK) में हो सकते हैं शामिल..!



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है, क्योंकि भाजपा के प्रमुख नेता दिनेश कुंग जल्द ही पार्टी से नाता तोड़ सकते हैं और टीम ओमी कालानी (TOK) में शामिल हो सकते हैं। यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय राजनीति बल्कि राज्य स्तर पर भी एक बड़ी सियासी हलचल का संकेत दे रहा है। 

सूत्रों के मुताबिक, दिनेश कुंग पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं और उनका भाजपा नेतृत्व से लंबे समय से मतभेद चल रहा है। ऐसी चर्चाएं तेज़ हैं कि उन्होंने ओमी कालानी की टीम से संपर्क साधा है और उनकी विचारधारा से सहमति जताई है। अगर यह फैसला औपचारिक रूप से सामने आता है, तो उल्हासनगर की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 

टीम ओमी कालानी (TOK), जो पहले से ही उल्हासनगर में मजबूत पकड़ बनाए हुए है, दिनेश कुंग के शामिल होने से और भी मज़बूत हो सकती है। भाजपा के लिए यह एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकती है, क्योंकि कुंग का पार्टी छोड़ना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। 

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि कुंग का जनाधार काफ़ी मजबूत है। ऐसे में भाजपा के समीकरण बिगड़ सकते हैं और टीम ओमी कालानी का राजनीतिक कद और ऊंचा हो सकता है।