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आरटीआई कार्यकर्ताओं को 'वसूलीकर्ता' कहने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी, बीएमसी से मांगा जवाब।


(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम को कमजोर करने की कोशिशों पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने बीएमसी आयुक्त अजीत मेहता द्वारा आरटीआई कार्यकर्ताओं को 'वसूलीकर्ता', 'ब्लैकमेलर', और 'पेशेवर शिकायतकर्ता' कहे जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

न्यायमूर्ति आर.एम. बोर्डे की खंडपीठ ने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से इस बयान के लिए कानूनी आधार पर सफाई मांगी है और दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश आरटीआई और सामाजिक कार्यकर्ता कमलाकर शिंदे द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

बीएमसी आयुक्त के बयान पर सवाल

याचिकाकर्ता के वकील अधिवक्ता आदित्य भट्ट ने अदालत को बताया कि बीएमसी आयुक्त अजीत मेहता ने एक मीडिया साक्षात्कार में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए और उन्हें 'ब्लैकमेलर' तथा 'वसूलीकर्ता' करार दिया। यह बयान न केवल आरटीआई कार्यकर्ताओं की छवि धूमिल करता है, बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।

परिपत्र की जानकारी नहीं दी गई

भट्ट ने अदालत को बताया कि जब उनके मुवक्किल ने इस कथित बयान से संबंधित परिपत्र की प्रति बीएमसी से मांगी, तो इसे प्रदान करने से इनकार कर दिया गया। भट्ट ने दलील दी कि इस तरह का बयान न केवल आरटीआई कार्यकर्ताओं के सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि आरटीआई अधिनियम की मूल भावना को भी कमजोर करता है।

आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया

याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि बीएमसी आयुक्त का बयान तुरंत वापस लिया जाए और यदि इस संदर्भ में कोई परिपत्र जारी किया गया है, तो उसे रद्द किया जाए। भट्ट ने जोर देकर कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता देश में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं और उन्हें इस तरह से बदनाम करना अस्वीकार्य है।

अदालत का आदेश

अदालत ने बीएमसी से दो सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा है। बीएमसी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे और वकील त्रिप्ती पुराणिक द्वारा रखा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई तक कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए बीएमसी को पूरी तरह तैयार होकर आने का निर्देश दिया है।

आरटीआई अधिनियम की रक्षा पर जोर

यह मामला आरटीआई अधिनियम और पारदर्शिता की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई बताते हुए कहा कि यह मामला केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे जनहित के लिए है।

अब सबकी नजरें बीएमसी के जवाब और कोर्ट के अगले कदम पर टिकी हैं।








उल्हासनगर के सुमित पांडे ने वर्ल्ड कप कराटे चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक, शहर में जश्न का माहौल।


 



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के कृष्णा नगर, कैंप 4 के निवासी सुमित पांडे ने गोवा के मापुसा स्थित पेडेम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित 24वीं एफएसकेए विश्व कप कराटे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर उल्हासनगर का नाम रोशन किया है। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 7 से 10 नवंबर तक चला, जिसमें देश-विदेश के 1500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। कुल 25 देशों के प्रतिनिधियों ने इस विश्व कप कराटे चैंपियनशिप में भाग लिया, जिसमें सुमित की स्वर्णिम जीत ने भारत का परचम लहराया।

सुमित पांडे ने आयु वर्ग 31-40 और वजन श्रेणी 76-80 किलोग्राम में हिस्सा लिया, और शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से पूरे उल्हासनगर में खुशी की लहर दौड़ गई है, और उन्हें उल्हासनगर का 'गौरव' घोषित किया जा रहा है।

इस मौके पर सिनेमा जगत के सुपरस्टार सुमन तलवार ने सुमित पांडे का सम्मान करते हुए उन्हें स्वर्ण पदक पहनाया और उनकी इस बड़ी उपलब्धि की प्रशंसा की। सुमन तलवार ने कहा, "सुमित की यह जीत न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का सम्मान करना मेरे लिए भी सम्मान की बात है।"

सुमित की इस जीत को उल्हासनगर के नागरिकों ने बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया। जगह-जगह बधाई संदेश दिए गए, और नागरिकों ने उनकी इस उपलब्धि को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।







उल्हासनगर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने का खेल, शराब-कबाब की पार्टियों से वोट बटोरने की कोशिश..।


(फाइल फोटो)

उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर विधानसभा सीट 141 पर चुनाव प्रचार में मतदाताओं को लुभाने के लिए देर रात तक पार्टियों का दौर, शराब-कबाब की पार्टियों से वोटर्स पर डोरे डालने की कोशिश

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के चलते उल्हासनगर की 141 नंबर विधानसभा सीट पर भी चुनावी पारा चढ़ा हुआ है। यहां उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं, और हर संभव कोशिश की जा रही है कि मतदाता उनके पक्ष में मतदान करें। जगह-जगह प्रचार रैलियां और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उम्मीदवार वोटरों का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए उल्हासनगर-3 के बड़े होटलों में रात के समय पार्टियों का आयोजन शुरू कर दिया है। इन पार्टियों में शराब और कबाब का जमकर इंतजाम किया जा रहा है। रात 2 बजे तक चलने वाले इन आयोजनों का मकसद यही है कि मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके और उनके वोट हासिल किए जा सकें।

इस प्रकार के आयोजनों ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या चुनाव आयोग इस मामले में कोई सख्त कदम उठाता है, या फिर इस प्रकार की गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाई जाती।








पूर्व मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान का दुखद निधन: 4 हफ्तों से मौत के साथ संघर्ष के बाद ली आखिरी सांस।


(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान का आज सुबह निधन हो गया। करीब चार हफ्तों से जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे समीर खान ने आज आखिरी सांस ली। समीर खान, नवाब मलिक की बड़ी बेटी निलोफर मलिक के पति थे। उनके निधन से मलिक परिवार और उनके सभी शुभचिंतक गहरे शोक में हैं।

यह हादसा 17 सितंबर को हुआ था, जब समीर खान और उनकी पत्नी निलोफर मलिक स्वास्थ्य जांच के लिए क्रिटी केयर हॉस्पिटल गए थे। जांच के बाद, वे घर लौटने के लिए अस्पताल के बाहर कार का इंतजार कर रहे थे, तभी उनके ही ड्राइवर अबुल मोहम्मद सोफ अंसारी से एक भयानक चूक हो गई। अंसारी गलती से कार के एक्सलेरेटर पर पांव रख बैठे, जिससे थार कार सीधे समीर खान के ऊपर चढ़ गई। इस दुर्घटना में समीर खान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके सिर पर गहरी चोट आई थी, जिसके कारण उनकी हालत लगातार नाजुक बनी रही।

पिछले चार हफ्तों से डॉक्टरों और परिवार द्वारा पूरी कोशिश के बावजूद, समीर खान का स्वास्थ्य नहीं सुधर सका, और आज 3 नवंबर को उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल परिवार बल्कि उनके मित्र और सभी परिचित स्तब्ध हैं। नवाब मलिक और परिवार के लिए यह एक असहनीय क्षति है।






उल्हासनगर में हाई-प्रोफाइल पार्टी का आयोजन: EnVogue एक्सपीरियंस का रीजेंसी एंटीलिया में धमाकेदार जश्न, पुलिस की प्रतिक्रिया पर शहर की नजरें..??


उल्हासनगर : दिनेश मीरचंदानी 

आज रात उल्हासनगर के पॉश इलाके में स्थित रीजेंसी एंटीलिया के पाम्स गार्डन में एक हाई-प्रोफाइल पार्टी का आयोजन किया गया है। EnVogue एक्सपीरियंस के तहत आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में शहर की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होने वाली हैं। पार्टी में शराब, कबाब, और धमाकेदार म्यूजिक का इंतजाम किया गया है, जो रातभर चलने की योजना है। डीजे साउंड और हाई-फाई एंटरटेनमेंट के साथ मेहमानों के मनोरंजन में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, आयोजनकर्ताओं ने इस इवेंट को निर्विघ्न रूप से सम्पन्न कराने के लिए पहले से ही सभी महत्वपूर्ण लोगों को दिवाली के उपहार भेजकर "खुश" कर दिया है। उनका कहना है कि उनके प्रयासों से पार्टी में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और यह आयोजन सुचारू रूप से चलेगा।

हालांकि, इस पार्टी के चर्चे स्थानिक पुलिस के गलियारों तक पहुंच गए हैं। स्थानीय निवासियों और कुछ सामाजिक संगठनों ने इस आयोजन पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ऐसी पार्टियों से कानून व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या स्थानिक पुलिस इस हाई-प्रोफाइल आयोजन पर कोई कार्रवाई करती है, या यह जश्न शहर के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।






उल्हासनगर में दीवाली पर सैकड़ों जरूरतमंदों के चेहरों पर आई मुस्कान, उल्हास जनपथ कार्यालय में बांटे गए कपड़े, मिठाई और उपहार।


 





उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

दीपावली का त्यौहार उल्हासनगर में इस बार और भी खास बन गया जब उल्हास जनपथ न्यूज और दिया डेव्हलपर्स एंड फाइनेंस ने जरूरतमंदों के लिए एक विशाल उपहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024 को उल्हास जनपथ कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों जरूरतमंदों को बुलाकर उन्हें नए कपड़े, साड़ियाँ, बहनों के लिए ड्रेस, बच्चों के लिए मिठाई, फटाके और कई अन्य गिफ्ट्स बांटे गए। इस अवसर पर उल्हास जनपथ के संपादक श्री शिवकुमार मिश्रा ने व्यक्तिगत रूप से इन उपहारों का वितरण किया और सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ दीवाली का जश्न नहीं था, बल्कि समाज के उन जरूरतमंद लोगों को खुशियों का उपहार देना था, जो सीमित साधनों के कारण त्यौहार की रौनक से दूर रहते हैं। इस पहल में श्री शिवकुमार मिश्रा के करीबी दोस्त भी शामिल हुए, जिन्होंने अपना कीमती समय निकालकर इस नेक कार्य में योगदान दिया।

श्री मिश्रा ने अपने सहयोगी मित्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "दीपावली का असली अर्थ तभी है जब हम दूसरों के जीवन में खुशियां और आशा का संचार करें। इस तरह के प्रयासों से ही समाज में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।"

इस अनोखे कार्यक्रम ने जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान और दिलों में आभार का भाव भर दिया। समाज में इस तरह की पहल से सकारात्मक संदेश फैलाने की कोशिश की गई, जिससे उल्हासनगर में दीवाली का त्यौहार न केवल रोशनी का पर्व बल्कि मानवता का उत्सव बन गया।







बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पुलिस अधिकारियों पर AC, वॉटर कूलर, टीवी और कंप्यूटर का बिना भुगतान किए इस्तेमाल का आरोप, जांच के आदेश जारी।

(फाइल फोटो)

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक बड़ा और गंभीर आदेश जारी किया है, जिसमें उन पर बिना भुगतान किए व्यापारी से लिए गए एसी, वॉटर कूलर, टीवी, कंप्यूटर जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने का आरोप है।

यह मामला महाराष्ट्र के थाने शहर के एक पुलिस स्टेशन से जुड़ा है, जहां व्यापारी नैनेश पांचाल की शिकायत पर यह सनसनीखेज मामला उजागर हुआ। व्यापारी ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उधार लिए, और जब भुगतान की मांग की तो उन्हें वापस कर दिया। मामले में व्यापारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था।

हालांकि, अब हाईकोर्ट ने इसे पुलिस अधिकारियों की गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच का आदेश दिया है और कहा है कि कानून के रखवाले अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर सकते। अदालत ने साफ किया कि पुलिसकर्मियों को अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।

हाईकोर्ट के इस आदेश ने न केवल महाराष्ट्र पुलिस बल्कि पूरे देश में कानून-व्यवस्था के रखवालों के प्रति एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे अपने पद का अनुचित लाभ उठा सकते हैं।








 

उल्हासनगर न्यू गजानन मार्केट में भीषण आग का कहर, कई दुकानें जलकर खाक, पटाखा बाजार पर मंडराया खतरा..??


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

उल्हासनगर के न्यू गजानन मार्केट में बुधवार सुबह को भीषण आग लगने से लगभग 7 से 8 दुकानों में लाखों का माल जलकर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि पिछले तीन घंटे से आग बेकाबू है और इसका विकराल रूप धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।

दमकल विभाग की गाड़ियाँ मौके पर पहुंच चुकी हैं और आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन अब भी यह आग पूरी तरह काबू में नहीं आई है।

गौरतलब है कि नेहरू चौक और आस-पास के क्षेत्रों में पटाखा बाजार सजा हुआ है, जिससे आग का खतरा अब और भी बढ़ गया है। अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो पटाखा बाजार तक आग फैलने का खतरा हो सकता है, जिससे जन-धन की भारी हानि होने की संभावना है।

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन और उल्हासनगर महानगर पालिका इस स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सवाल उठता है कि यदि यह आग पटाखा बाजार तक पहुँच जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा—प्रशासन या उल्हासनगर महानगर पालिका?





उल्हासनगर में बारूद के ढेर पर बैठा शहर: क्या प्रशासन और महानगर पालिका किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं..?



उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

दीपावली के आते ही उल्हासनगर शहर में फटाकों की अवैध बिक्री जोरों पर है, और इसके कारण पूरा शहर अब एक गंभीर खतरे की चपेट में है। खासकर नेहरू चौक और आसपास के इलाके इस समय बारूद के ढेर पर बैठे हैं। प्रशासन और महानगर पालिका की लापरवाही से उल्हासनगर के नागरिकों की जान और माल को भारी जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?

नेहरू चौक और आसपास के इलाके बने खतरनाक

शहर के मुख्य क्षेत्र नेहरू चौक में अवैध रूप से फटाकों की भरमार है। सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां बड़े पैमाने पर बिना मानकों के फटाके बिक रहे हैं, जिससे किसी भी समय एक बड़ा हादसा हो सकता है। इसके चलते उल्हासनगर की सड़कों पर चलने वाला हर व्यक्ति बारूद के ढेर पर चल रहा है, जो कभी भी फट सकता है।

क्या प्रशासन मुरबाद (ठाणे जिले)
र्और हैदराबाद जैसे हादसे का इंतजार कर रहा है?

मुरबाद (ठाणे जिले) और हैदराबाद के बड़े हादसों से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया है। इन हादसों में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और भारी नुकसान झेलना पड़ा था। उल्हासनगर में वर्तमान हालात को देखते हुए लगता है कि प्रशासन और महानगर पालिका ने सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया है और किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

उल्हासनगरवासियों की सुरक्षा पर खतरा।

शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत इस अवैध फटाके कारोबार पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यदि जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं की गई तो इसका खामियाजा उल्हासनगर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है। यहां किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिससे पूरे शहर में अफरा-तफरी मच सकती है और जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।

प्रशासन और महानगर पालिका को लेना होगा ठोस कदम

अब समय आ गया है कि महानगर पालिका और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लें और नेहरू चौक व अन्य संवेदनशील इलाकों में फटाकों की अवैध बिक्री पर रोक लगाएं। शहरवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को नजरअंदाज करना अब प्रशासन के लिए मुमकिन नहीं है। प्रशासन से अपील है कि वे तुरंत ठोस कदम उठाएं और उल्हासनगर को किसी बड़े हादसे से बचाएं।










हैदराबाद जैसी भयावह आग की घटना का खतरा: उल्हासनगर के नेहरू चौक और आसपास के क्षेत्रों में भी हो सकता है बड़ा हादसा..?


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

हैदराबाद के हनुमान टेकड़ी इलाके में हाल ही में हुई भीषण आगजनी की घटना ने पूरे शहर में दहशत का माहौल बना दिया। इस हादसे में कई जानमाल का नुकसान हुआ और यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। त्योहारों के दौरान पटाखों और अन्य ज्वलनशील वस्तुओं के उपयोग से यह खतरा अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी मौजूद है। उल्हासनगर का नेहरू चौक भी ऐसा ही एक संवेदनशील इलाका है, जहां पटाखों और भीड़ के चलते आगजनी का खतरा हमेशा बना रहता है।

किसी दुर्घटना की स्थिति में इसके लिए जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या प्रशासन पर जवाबदेही तय की जाएगी? सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने पर प्रशासन की भूमिका और उसकी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। नेहरू चौक और इसके आसपास के क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाकों में प्रशासन को समय रहते सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

इस तरह के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों को सख्त करना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि एक आपात आवश्यकता भी, ताकि इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।







प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय में प्लास्टिक की बोतलों पर लगेगा प्रतिबंध।


 


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए ज़रूरी है कि उसकी शुरुआत खुद से और अपने आसपास के लोगों से की जाए। इसी सिद्धांत को अपनाते हुए, उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रशासन ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के अभियान के तहत एक अहम कदम उठाया है। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय में प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। यह आदेश उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने ने जारी किया है और इसे जल्द ही सख्ती से लागू किया जाएगा।

बढ़ रहा है अवैध प्लास्टिक का उपयोग, प्रशासन की सख्त कार्रवाई का ऐलान।

उल्हासनगर में प्रतिबंधित प्लास्टिक का व्यापक उपयोग लगातार देखा जा रहा है। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रशासन ने कई बार छापेमारी कर गुप्त रूप से प्लास्टिक उत्पादन करने वाले कारखानों और दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन इस पर ठोस प्रभाव नहीं पड़ा है। माना जा रहा है कि कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की मिलीभगत के चलते शहर के बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक आसानी से उपलब्ध हो रहा है।

उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन विकास ढाकने का सख्त कदम।

काले बाजार में प्लास्टिक की उपलब्धता पर नियंत्रण रखने और प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम उठाते हुए, उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने ने घोषणा की है कि उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय, वार्ड समिति कार्यालयों और अन्य संबंधित कार्यालयों में अब प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल नहीं होगा। इसकी जगह, पानी के फिल्टर का उपयोग किया जाएगा।

प्रशासनिक बैठकों और कार्यक्रमों में भी बोतलबंद पानी पर रोक।

उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अब बोतलबंद पानी का उपयोग नहीं किया जाएगा। उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा आयोजित बैठकों और कार्यक्रमों में भी बोतलबंद पानी का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसके लिए उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मुख्यालय में पानी के फिल्टर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है।

जनता की मांग: नेहरू चौक और उसके आस-पास के क्षेत्र बन रहे हैं अवैध प्लास्टिक थैलियां के मुख्य केंद्र।

उल्हासनगर शहर की जनता ने उल्हासनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आयुक्त विकास ढाकने से अपील की है कि नेहरू चौक से अमन टॉकीज रोड के पास अवैध प्लास्टिक थैलियों व्यापार के मुख्य केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहां बड़ी-बड़ी दुकानों और उनके पीछे स्थित गोदामों में अवैध रूप से प्लास्टिक का भंडारण और बिक्री हो रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। जनता का मानना है कि इन ठिकानों पर कार्रवाई से ही उल्हासनगर को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाया जा सकेगा।

उल्हासनगर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में यह कदम प्रशासन की दृढ़ता को दर्शाता है, और उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।






ठाणे में पत्रकार श्रद्धा राय के नेतृत्व में ऐतिहासिक आंदोलन: घोड़बंदर रोड की ट्रैफिक समस्या के खिलाफ निवासियों का सशक्त प्रदर्शन।


 



ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

ठाणे के घोड़बंदर रोड की गंभीर ट्रैफिक समस्याओं के खिलाफ स्थानीय निवासियों द्वारा छेड़ा गया आंदोलन अब अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। पत्रकार श्रद्धा राय के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन ने न केवल लोगों की आवाज़ को एक साथ लाकर मजबूती दी है, बल्कि ठोस समाधान निकालने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं।

लगभग दो महीने से राय और उनकी स्वयंसेवकों की टीम ठाणे नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, एमएमआरडीए, और पीडब्ल्यूडी जैसे सरकारी विभागों से लगातार संपर्क में हैं, और घोड़बंदर रोड की यातायात समस्याओं को सुलझाने के लिए लगातार बैठकें कर रही हैं। यह टीम केवल यातायात समस्याओं को ही नहीं, बल्कि सड़क से संबंधित सभी मुद्दों जैसे गड्ढे, चैम्बर्स की मरम्मत, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और कचरा निस्तारण तक पर काम कर रही है, जिससे न केवल यातायात का प्रवाह सुगम हो सके, बल्कि सड़कें सुरक्षित और स्वच्छ भी बन सकें।

श्रद्धा राय के नेतृत्व में चल रहे #JusticeForGhodbunderRoad अभियान ने सरकारी अधिकारियों और स्थानीय निवासियों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने में सफलता पाई है। अब सड़क निरीक्षणों और खुले संवाद के ज़रिए, सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य घोड़बंदर रोड को सुरक्षित और बिना ट्रैफिक जाम वाली सड़क में तब्दील करना है।

स्थानीय निवासियों का इस आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है, जिससे यह एक व्यापक नागरिक जागरूकता और एक्शन का प्रतीक बन गया है। #JusticeForGhodbunderRoad अभियान एक मिसाल पेश कर रहा है कि कैसे स्थानीय समुदाय एकजुट होकर अपने शहर की समस्याओं को हल करने के लिए सरकारी तंत्र पर दबाव बना सकते हैं और बदलाव ला सकते हैं।

इस आंदोलन ने ठाणे में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाई है और अन्य इलाकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।







मुंबई की झुग्गियों में नशा मुक्त अभियान: IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के नेतृत्व में बड़ा कदम।


 




मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में आज नशे के खिलाफ एक ऐतिहासिक और व्यापक अभियान की शुरुआत की गई, जिसका नेतृत्व भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अतिरिक्त आयुक्त समीर वानखेड़े ने किया। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत यह पहल उन इलाकों को नशामुक्त करने के लिए शुरू की गई है, जहाँ मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन सबसे अधिक हो रहा है।

समीर वानखेड़े, जो पहले भी नशे के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयों का हिस्सा रहे हैं, ने झुग्गियों में जाकर युवाओं और उनके परिवारों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले उन क्षेत्रों पर फोकस करना बेहद ज़रूरी है जहाँ तस्करी का जाल फैला हुआ है।

इस अभियान के तहत स्थानीय निवासियों को मादक पदार्थों से दूर रहने के उपायों पर जागरूक किया गया और उनके लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान केवल सतही कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे मुंबई शहर में नशे के जाल को तोड़ने के लिए लगातार और कठोर कदम उठाए जाएंगे।

समाज को नशे से मुक्त करना प्राथमिकता:
समीर वानखेड़े के नेतृत्व में अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान की सबसे बड़ी प्राथमिकता उन संवेदनशील इलाकों को नशामुक्त करना है, जहाँ नशे का व्यापार जोर पकड़ चुका है। इस पहल के समर्थन में कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने भी हिस्सा लिया है।

विभिन्न संगठनों के सहयोग से यह अभियान नशे के खिलाफ एक मजबूत जन आंदोलन में बदलने की ओर अग्रसर है, और इसका लक्ष्य न केवल तस्करी को रोकना है, बल्कि मादक पदार्थों के सेवन से प्रभावित लोगों को पुनर्वास के माध्यम से एक नया जीवन देना है।

समीर वानखेड़े के इस नेतृत्व को नशे के खिलाफ जंग में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो आने वाले दिनों में पूरे मुंबई और देश के लिए एक मिसाल बनेगा।







"मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहन" योजना: आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 तक बढ़ी, केवल आंगनवाड़ी सेविका के माध्यम से करें आवेदन।


मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र सरकार ने "मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहन" योजना के अंतर्गत आवेदन जमा करने की समय सीमा 15 अक्टूबर 2024 की रात 12 बजे तक बढ़ाने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। यह योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और सरकार द्वारा दी गई यह अवधि सभी लाभार्थियों के लिए बड़ा अवसर है।

लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आवेदन केवल आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से ही किए जाएंगे। राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अन्य माध्यमों से किए गए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

महत्वपूर्ण सूचना: नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे समय पर आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से अपने आवेदन जमा करें ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सके।






गोल मैदान पर फटाका स्टॉल की मंजूरी से खेल प्रेमियों में आक्रोश, भूख हड़ताल की चेतावनी।


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

दिवाली के अवसर पर उल्हासनगर के गोल मैदान पर खेल प्रेमियों के लिए आरक्षित वॉलीबॉल ग्राउंड और बैडमिंटन कोर्ट पर फटाका स्टॉल लगाने की अनुमति मिलने से शहर में भारी हंगामा खड़ा हो गया है। खेल प्रेमियों ने इसे अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार दिया है और मनपा के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।

गौरतलब है कि 2018 में तत्कालीन नगरसेविका और क्रीड़ा विभाग सभापति गीता साधनानी द्वारा इस मैदान के एक हिस्से को खेल गतिविधियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था। तब से लेकर अब तक इस मैदान का उपयोग वॉलीबॉल और बैडमिंटन के खेलों के लिए किया जाता रहा है। लेकिन इस साल दिवाली के मौके पर मनपा अधिकारियों द्वारा अचानक इस मैदान पर फटाका स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है, जिससे खेल प्रेमियों में गहरा आक्रोश है।

खेल प्रेमियों का कहना है कि गोल मैदान के पास पानी की टंकी के बाहर कई वर्षों से फटाका स्टॉल लगाए जाते रहे हैं, फिर भी इस बार खेलों के लिए आरक्षित जगह को क्यों चुना गया, यह समझ से परे है। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय विधायक और नगरसेवक भी खेल प्रेमियों के साथ खड़े हो गए हैं और मनपा के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इस मैदान को किसी अन्य गतिविधि के लिए नहीं देंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो मनपा मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

खेल प्रेमियों ने इस मामले में मनपा अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी है। अब शहर की नजरें मनपा अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे इस विरोध को कैसे संभालेंगे और खेल प्रेमियों की मांग को मानेंगे या नहीं।

इस घटना से शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल मच गई है।

गोल मैदान में फटाखे के वजह से कुछ बढ़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा..??

यह भी एक चर्चा का विषय पूरे उल्हासनगर शहर में बना हुआ है..??







डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पुतला विवाद: ठेकेदार ने समाज को अंधेरे में रखकर घटिया पुतला स्थापित किया, जनता में भारी आक्रोश..!


उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी 

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक, सुभाष टेकडी, उल्हासनगर-4 में डॉ. आंबेडकर के पुतले के सुशोभीकरण और उभाकृती पुतले की स्थापना के लिए आमदार बालाजी किणीकर द्वारा मंजूर की गई राशि के बाद महापालिका के माध्यम से काम शुरू किया गया। पुतले की उत्कृष्ठ डिज़ाइन डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पुतला स्मारक समिति और समाज के अन्य लोगों को दिखाई गई थी, जिसके बाद सर्वसम्मति से पुराने पुतले को हटाकर नया पुतला लगाने की मंजूरी दी गई।

हालांकि, पुतला हटाने के बाद ठेकेदार ने डिज़ाइन के अनुरूप काम करने के बजाय घटिया गुणवत्ता का काम किया। सार्वजनिक शौचालय जैसी टाइल्स लगाने का प्रयास किया गया, जिसका समाज के लोगों ने कड़ा विरोध किया। विरोध के कारण टाइल्स हटाई गईं और काम में देरी हुई, लेकिन अब भी काम अधूरा और घटिया गुणवत्ता का है। समाज के विरोध के कारण ठेकेदार को फिर से काम तोड़कर अच्छे स्तर का निर्माण करना था।

इसी बीच, ठेकेदार और उसके दलालों ने समाज को जानकारी दिए बिना आधी रात के अंधेरे में चोरी-छिपे पुतले को स्थापित कर दिया। ठेकेदार के करीबी दलालों ने पैसे बचाने के लिए यह घातक कदम उठाया, जिससे समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक के नाम पर किया जा रहा यह विद्रूपिकरण असहनीय है, और समाज ने इस कृत्य के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज किया है।

अँड. कल्पेश माने ने ठेकेदार और उसके दलालों के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है, और इसे समाज के प्रति धोखा करार दिया है।








नागपुर में मोबाइल डिजिटल क्लिनिक और आयुष्मान भारत योजना का भव्य उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया शुभारंभ।


 










नागपुर: दिनेश मीरचंदानी 

नागपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और अत्याधुनिक मोबाइल डिजिटल क्लिनिक की शुरुआत हुई। यह ऐतिहासिक कदम 7 अक्टूबर 2024 को त्रिकोणी मैदान, नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में हुआ। यह पहल नागरिकों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उठाई गई है और इसे नागपुर के विकास में मील का पत्थर माना जा रहा है।

आठ विशेष मोबाइल वैन को नागपुर शहर के लिए नियुक्त किया गया है, जिनमें आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। इन कार्डों के माध्यम से नागपुर के निवासी मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह उपक्रम विशेष रूप से गरीब और वंचित तबकों के लिए एक वरदान साबित होगा, जिनके लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पाना मुश्किल होता है।

उद्घाटन के मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि "इस पहल से राज्य के नागरिकों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उनके दरवाजे पर उपलब्ध होंगी। यह योजना देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रमों में से एक है, और इसे नागपुर से आरंभ किया जाना गर्व की बात है।"

कार्यक्रम की जानकारी:

स्थल: त्रिकोणी मैदान, माननीय उपमुख्यमंत्री के बंगले के सामने, नागपुर

समय: सुबह 9:00 बजे

तारीख: 7 अक्टूबर 2024

इस उपक्रम के प्रमुख डॉ. ओमप्रकाश स. शेटे, प्रमुख, आयुष्मान भारत - मिशन महाराष्ट्र समिति, ने कहा, "यह कार्यक्रम नागपुर के नागरिकों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। इस पहल से स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुँचाने का हमारा सपना साकार हो रहा है।"

उद्घाटन के दौरान देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी प्रेरणादायक बना दिया। यह योजना नागपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ते हुए गरीब और जरूरतमंदों के जीवन को बेहतर बनाने का वादा करती है।







"112: अब हर मुश्किल का समाधान, एक ही कॉल में!"


ठाणे: दिनेश मीरचंदानी 

ठाणे पुलिस आयुक्तालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकों की सुरक्षा के लिए 112 हेल्पलाइन नंबर की सेवा का विस्तार किया है। अब चाहे महिला सुरक्षा का मामला हो, छेड़खानी की शिकायत हो, पुलिस सहायता की आवश्यकता हो, घरेलू हिंसा, मेडिकल आपातकाल, फायर ब्रिगेड या अपराध से संबंधित कोई भी परेशानी—आपकी मदद सिर्फ एक कॉल दूर है।

क्यों है 112 इतना महत्वपूर्ण?

हर दिन देशभर में नागरिकों को सुरक्षा, मेडिकल इमरजेंसी और आपातकालीन सेवाओं की आवश्यकता पड़ती है। ठाणे पुलिस आयुक्तालय द्वारा संचालित 112 हेल्पलाइन अब सभी सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर लेकर आई है, जिससे लोगों को अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही नंबर पर पूरी सहायता मिल सकेगी।

महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि:

यह हेल्पलाइन विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। छेड़खानी, घरेलू हिंसा और अन्य महिला अपराधों की तुरंत रिपोर्टिंग और त्वरित मदद के लिए यह नंबर एक वरदान साबित हो रहा है।

आपात स्थिति में 24x7 उपलब्ध:

चाहे कोई मेडिकल इमरजेंसी हो, या आगजनी की घटना, या फिर पुलिस सहायता की आवश्यकता हो, 112 हेल्पलाइन 24 घंटे, 7 दिन उपलब्ध रहेगी।

अपराध से लड़ने में सहायता:

किसी भी अपराध की रिपोर्ट तुरंत ठाणे पुलिस तक पहुंचाई जा सकेगी, जिससे आपराधिक घटनाओं पर तेज़ी से कार्रवाई हो सकेगी।

संदेश नागरिकों के लिए:

ठाणे पुलिस आयुक्तालय ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वह किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करते हुए 112 पर कॉल करें और तत्काल सहायता प्राप्त करें।








महाकालेश्वर मंदिर में IRS अधिकारी समीर वानखेडे और मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर वानखेडे ने किए विशेष दर्शन, श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह।


 








उज्जैन: दिनेश मीरचंदानी 

उज्जैन के प्रतिष्ठित और प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर में आज एक विशेष धार्मिक अवसर देखा गया, जब IRS के अतिरिक्त आयुक्त समीर वानखेडे और मराठी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री क्रांति रेडकर वानखेडे ने महाकाल के चरणों में शीश नवाया। समीर वानखेडे, जो अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए चर्चित हैं, ने पत्नी क्रांति के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया और देश की समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।

मंदिर परिसर में जब इस दंपति ने प्रवेश किया, तब वहां पहले से उपस्थित श्रद्धालुओं की भीड़ में एक खास हलचल पैदा हो गई। श्रद्धालुओं ने उन्हें देखकर प्रसन्नता जताई और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने की कोशिश की। यह जोड़ा पूरे धार्मिक भावना और भक्ति के साथ भगवान महाकाल के दरबार में उपस्थित हुआ, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

क्रांति रेडकर, जो मराठी फिल्म उद्योग की एक मशहूर अभिनेत्री हैं, ने दर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, "महाकाल के दर्शन हर बार आत्मा को नई ऊर्जा और शांति प्रदान करते हैं। यहां आकर हमें आध्यात्मिक बल मिलता है।"

दंपति के आगमन पर महाकाल मंदिर के पुजारियों ने उनके लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया और उन्हें भगवान का प्रसाद भेंट किया। इस दौरान मंदिर में भक्तों के बीच विशेष उत्साह देखा गया और पूरे मंदिर परिसर में धार्मिक वातावरण की अनुभूति हो रही थी।

इस अवसर पर उज्जैन में न केवल स्थानीय श्रद्धालु बल्कि देश भर से आए भक्तों में भी खासा उत्साह रहा, जो इस जोड़े के साथ इस दिव्य क्षण का हिस्सा बने। महाकालेश्वर मंदिर की धार्मिक महत्ता और समीर वानखेडे व क्रांति रेडकर की इस यात्रा ने उज्जैन में एक विशेष चर्चा का विषय बना दिया है।







महाराष्ट्र की लाडली बहनों के लिए खुशखबरी: विधानसभा चुनाव से पहले खाते में आएंगी चौथी और पाँचवी किस्त, दिवाली से पहले होगी बड़ी राहत..!


 

मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र में लाडली बहनों के लिए सरकार की तरफ से बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने चौथी और पाँचवी किस्त की राशि जल्द ही बहनों के खातों में भेजने का ऐलान किया है। राज्य के वित्तमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बारे में घोषणा की है कि दिवाली और भाई-दूज से पहले, 10 अक्टूबर से पहले यह राशि बहनों के खातों में पहुंचाई जाएगी। 

यह योजना लाडली बहनों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है, क्योंकि राज्य सरकार ने पहले ही तीन किस्तें जारी कर दी हैं और अब चौथी और पाँचवी किस्त की राशि भी जल्द उनके खाते में जमा होने वाली है। इस योजना के तहत महिलाएं आर्थिक सहायता प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनके परिवारों को वित्तीय मजबूती मिल रही है। 

विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की यह पहल महिलाओं को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने और राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। 

महाराष्ट्र की लाडली बहनों के लिए यह खबर वाकई दिवाली का तोहफा साबित हो सकती है, जो उनके और उनके परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।